नई दिल्लीः एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जहांगीरपुरी पहुंचे। जहां आज अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जामा मस्जिद पर रोक लिया। 6-7 साल से भाजपा की सरकार है तब क्यों नहीं तोड़ा?
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पुलिस ने यात्रा की अनुमति नहीं दी तो यात्रा कैसे निकली? अरविंद केजरीवाल के घर हमला हुआ उन्होंने आसमान सर पर उठा लिया था। आपने मस्जिद के सामने की दुकानों को तोड़ दिया, लेकिन मंदिर के सामने की दुकान को क्यों नहीं तोड़ा। एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर ओवैसी ने कहा कि मैं इसकी निंदा करता हूं। मैं कोर्ट का शुक्रगुजार हूं कि उसने इस पर रोक लगाई। अगर वो (दुकान और मकान) अनाधिकृत थे तो 7 साल से बीजेपी की सरकार क्यों सो रही थी ? आपने(सरकार) एक समुदाय को निशाना बनाकर उनकी दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है। कौन अपराधी है यह कोर्ट फैसला करेगा
पुलिस ने ही अनुमति नहीं दी तो यात्रा कैसे हुई? लोगों के पास हथियार कैसे थे? अगर उन्होंने (पुलिस) उन्हें रोक दिया होता और हथियार जब्त कर लिए होते, तो हमें यह दिन नहीं देखना पड़ता। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, राष्ट्रीय राजधानी के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी।
न्यायालय ने दंगों के मुस्लिम आरोपियों के मकानों को तोड़े जाने संबंधी जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर संज्ञान लेने के बाद यह आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पूर्वाह्न में मकानों को गिराए जाने के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। पीठ ने दिन में उस समय फिर हस्तक्षेप किया जब उसे बताया गया कि अधिकारी इस आधार पर कार्रवाई नहीं रोक रहे हैं कि उन्हें कोई आधिकारिक सूचना नहीं प्राप्त हुई है। पीठ में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं।
पीठ ने मुस्लिम संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे की दलीलों पर गौर करते हुए सर्वोच्च अदालत के महासचिव को निर्देश दिया कि वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के महापौर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में विध्वंस रोकने के उसके सुबह के आदेश से तत्काल अवगत कराएं।
दवे ने कहा, "मुझे इसका फिर से उल्लेख करते हुए खेद है... सुबह मैंने इस मामले का जिक्र किया था। (रोक) आदेश की सूचना देने के बावजूद वे (अधिकारी) विध्वंस को नहीं रोक रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें आधिकारिक रूप से कोई जानकारी नहीं मिली है। मैं महासचिव से पुलिस आयुक्त और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के महापौर और आयुक्त को आदेश के बारे में बताने का अनुरोध करता हूं।”