Agniveer Reservation: अग्निपथ योजना को लेकर लोकसभा चुनाव से जारी रार बरकरार है। अग्निपथ योजना पर भ्रम फैला रहे लोगों को पीएम मोदी का करारा जवाब दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बीच इस योजना को रार जारी है। पीएम मोदी ने कहा कि अग्निपथ पर भ्रम फैलाने वाले व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई बार कहा है कि अग्निवीर सैन्य भर्ती योजना को खत्म कर कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। पीएम ने कारगिल दिवस पर कहा था कि अग्निपथ योजना के जरिए देश ने इस महत्वपूर्ण सपने को एड्रेस किया है। अग्निपथ कालक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना और सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाए रखना है। हमारे लिए सेना मतलब 140 करोड़ देशवासियों की आस्था। शांति की गारंटी। सीमाओं की सुरक्षा की गारंटी।
राहुल गांधी ने कहा कि शहीद दो तरह के होंगे- एक सामान्य जवान और अधिकारी जिन्हें पेंशन, शहीद का दर्जा, सारी सुविधाएं मिलेंगी और दूसरा गरीब परिवार का व्यक्ति, जिसे अग्निवीर नाम दिया गया है। अग्निवीरों को न शहीद का दर्जा मिलेगा, न पेंशन और न ही कैंटीन की सुविधा। इस बीच उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और ओडिशा की भाजपा सरकार ने पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा कर दी। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जेल और वन रक्षकों, राज्य पुलिस की भर्ती में अग्निवीरों के लिए आरक्षण की घोषणा की।
अरुणाचल प्रदेश सरकार ने पुलिस, अग्निशमन विभाग में पूर्व अग्निवीरों की भर्ती की घोषणा की
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने घोषणा की है कि उनकी सरकार स्थानीय युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए प्रशिक्षण प्रदान करेगी तथा सेवानिवृत्त अग्निवीरों को राज्य की पुलिस, आपातकालीन एवं अग्निशमन सेवाओं में भर्ती के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी। खांडू ने कहा कि यह परिवर्तनकारी पहल अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को देश की सेवा करने में सक्षम बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश सरकार स्थानीय युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर के रूप में भर्ती के लिए तैयार करने के मकसद से प्रशिक्षण देगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के सेवानिवृत्त अग्निवीरों को अरुणाचल प्रदेश पुलिस, राज्य बटालियन और आपातकालीन एवं अग्निशमन सेवाओं में भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।’’
केंद्र सरकार ने साल 2022 में थलसेना, नौसेना और वायुसेना में 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की भर्ती के लिए महत्वाकांक्षी अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसमें मोटे तौर पर चार साल के अनुबंध के तहत भर्ती का प्रावधान है। इस योजना के तहत भर्ती होने वालों को अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा। चार वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद 25 प्रतिशत अभ्यर्थियों को नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।
ओडिशा सरकार ने राज्य की सेवाओं में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और उम्र में पांच साल छूट की घोषणा
ओडिशा सरकार ने राज्य की सेवाओं में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और उम्र में पांच साल छूट की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले यह घोषणा की। उन्होंने कहा, "हमारे सैनिक हमारा गौरव हैं। रक्षा बलों द्वारा प्रशिक्षित अग्निवीर विभिन्न सुरक्षा-संबंधी क्षेत्रों में राष्ट्र की सेवा करने के लिए योग्य हैं।"
उन्होंने कहा, "अग्निवीर योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई एक ऐतिहासिक पहल है। इस पहल ने हमारे युवाओं को सक्षम और निडर बनाया है ताकि वे जीवन में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर सकें। यही कारण है कि ओडिशा सरकार ने राज्य की वर्दी वाली सेवाओं में अग्निवीरों की भर्ती करने का फैसला किया है।"
उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएएसी बल (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) में महत्व (वेटेज) दिया जाएगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सेवा करके लौटने वाले अग्निवीरों को उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएएसी बल (प्रादेशिक आर्म्ड कांस्टेबुलरी) में महत्व (वेटेज) दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अग्निवीरों के रूप में देश को प्रशिक्षित और अनुशासित युवा सैनिक मिलेंगे। योगी ने अग्निवीर मुद्दे पर विपक्ष की राजनीति को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विरोधियों का काम हर प्रगति और सुधार वाले कार्य में ‘‘अड़ंगा लगाने, टांग अड़ाने और अफवाह फैलाने’’ का है। अग्निवीर की योजना भारतीय सेना में इसी दृष्टि से आगे बढ़ाई गई है। इसे लेकर युवाओं में उत्साह है।
उन्होंने कहा कि 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना के अग्निपथ पर मजबूत जवान के रूप में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। अग्निवीर में युवा उत्साह के साथ भर्ती हो रहे हैं। इसके बाद उन्हें अर्धसैनिक बलों और पुलिस में समायोजित करने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कहा है कि अग्निवीर की योजना जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार पुलिस आरक्षक, वन रक्षक और अन्य पदों की भर्ती में राज्य के अग्निवीरों को आरक्षण देगी
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी सरकार पुलिस आरक्षक, वन रक्षक और अन्य पदों की भर्ती में राज्य के अग्निवीरों को आरक्षण देगी। अग्निवीर जब भारतीय सेना में अपनी सेवा के बाद वापस आएंगे तब छत्तीसगढ़ सरकार इन नौजवानों को पुलिस सेवा में आरक्षक, वन सेवा में वन रक्षक और जेल प्रहरी इत्यादि पदों में प्राथमिकता के आधार पर समायोजन की सुविधा देगी।
मध्य प्रदेश सरकार पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण प्रदान करेगी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि उनकी सरकार पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में अग्निवीरों को आरक्षण प्रदान करेगी। अग्निवीर, अग्निपथ योजना के तहत सेना के तीनों अंगों में चार साल के लिए सैनिकों की तैनाती की जाती है। मध्य प्रदेश सरकार ने पुलिस और सशस्त्र बलों में अग्निवीरों को आरक्षण देने का फैसला किया है।
उत्तराखंड सरकार अग्निवीरों को पुलिस तथा अन्य सरकारी विभागों में समायोजित करने के लिए आरक्षण
उत्तराखंड सरकार सेना में चार साल का कार्यकाल पूरा कर लौटने वाले अग्निवीरों को पुलिस तथा अन्य सरकारी विभागों में समायोजित करने के लिए आरक्षण देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस संबंध में एक ठोस कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा रहा है जिसमें पुलिस व अन्य सरकारी विभागों में अग्निवीरों को आरक्षण देने का प्रस्ताव शामिल है।
हरियाणा सरकार ने कांस्टेबल, वन रक्षकों और जेल वार्डन की भर्ती के साथ-साथ अन्य पदों पर अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा
विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार ने कांस्टेबल, वन रक्षकों और जेल वार्डन की भर्ती के साथ-साथ अन्य पदों पर अग्निवीर के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी कहा कि ग्रुप बी और ग्रुप सी में सिविल पदों के लिए भर्ती में अग्निवीर को ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का फैसला किया गया है।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में रिक्तियों का 10 प्रतिशत पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित
सरकार ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में रिक्तियों का 10 प्रतिशत पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया गया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि पूर्व अग्निवीरों के लिए सीएपीएफ और असम राइफल्स में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) और राइफलमैन के पद पर भर्ती में ऊपरी आयु सीमा में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक जुलाई, 2024 तक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स (एआर) में रिक्तियों की संख्या 10,45,751 की कुल स्वीकृत संख्या के मुकाबले 84,106 है।’’ सीआईएसएफ, बीएसएफ और सीआरपीएफ के प्रमुखों ने पिछले बृहस्पतिवार को कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक फैसले के अनुरूप पूर्व अग्निवीरों के लिए उनके बलों में सैनिकों के 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए जाएंगे।