इसरो ने ओडिशा के व्हीलर द्वीप से गुरुवार (18 जनवरी) को भारत में विकसित 5000 से अधिक किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। परमाणु क्षमता से लैस इस मिसाइल की रेंज में पूरा चीन और पाकिस्तान आ जाएगा। यह मिसाइल कई हथियार ले जाने में सक्षम है। इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है।
एक साथ कई जगहों को लगा सकती है निशाना
इस अग्नि-5 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह MIRV तकनीक यानी एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित करने योग्य पुनः प्रवेश वाहन (Multiple Independently targetable Re -entry Vehicle) है। इस तकनीक की मदद से इस मिसाइल से एक साथ कई जगहों पर वार किया जा सकता है, एक साथ कई जगहों पर गोले दागे जा सकते हैं, यहां तक कि अलग-अलग देशों के ठिकानों पर एक साथ हमले किए जा सकते हैं।
अग्नि-5 ले जा सकती है इतना वजन
अग्नि-5 मिसाइल की ऊंचाई 17 मीटर और व्यास 2 मीटर है। इसका वजन 50 टन और यह डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ढोने में सक्षम है। इसकी स्पीड ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है। भारत के पास 'अग्नि' शृंखला के तहत 700 किलोमीटर मारक क्षमता वाली अग्नि-1, 2000 किलोमीटर रेंज की अग्नि-2, 2500 से 3500 किलोमीटर तथा ज्यादा रेंज वाली अग्नि 3 और अग्नि-4 मिसाइल है।
ये हैं भारत के पास स्वदेशी मिसाइलें
अगर भारत की स्वदेशी मिसाइलों की बात करें तो उसके पास नाग मिसाइल है जिसका सफल परीक्षण 1990 में किया गया। इसी तरह धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीकी से निर्मित पृथ्वी मिसाइल का नौसैनिक संस्करण है। यह मिसाइल परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखता है। भारत ने 1990 में आकाश मिसाइल का परीक्षण किया। जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल की तुलना अमेरिका के पेटियॉट मिसाइल से की जाती है। इस मिसाइल की खूबी यह है कि यह एक समय में आठ भिन्न लक्ष्य पर निशाना साध सकती है। इसके अलावा भारत के पास ब्रह्मोस मिसाइल भी है।