आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के वीएन धूत के खिलाफ षडयंत्र का केस दर्ज करने वाले सीबीआई अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। एएनआई के मुताबिक एसपी सुधांशु धर मिश्रा सीबीआई के बैंकिंग फ्रॉड और सिक्योरिटी फ्रॉड सेल के अधिकारी थे। उन्होंने 22 जनवरी को चंदा कोचर के खिलाफ एफआईआर पर हस्ताक्षर किए थे। उनका तबादला सीबीआई की इकोनॉमिक ऑफेन्स की रांची ब्रांच में कर दिया गया है। सुधांशु धर मिश्रा की जगह कोलकाता के इकोनॉमिक ऑफेन्स ब्रांच में तैनात एसपी बिस्वजीत दास को बैंकिंग और सिक्योरिटी फ्रॉड सेल का एसपी बनाया गया है।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने चंदा कोचर मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को शुक्रवार को निशाने पर लिया। उन्होंने सीबीआई को दुस्साहस से बचने तथा सिर्फ दोषियों पर ध्यान देने की नसीहत दी। जेटली ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है जब एक ही दिन पहले सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में बैंकिंग क्षेत्र के के.वी.कामत तथा अन्य को पूछताछ के लिये नामजद किया है।
अमेरिका में इलाज करा रहे जेटली ने ट्वीट किया कि भारत में दोषियों को सजा मिलने की बेहद खराब दर का एक कारण जांच तथा पेशेवर रवैये पर दुस्साहस एवं प्रशंसा पाने की आदत का हावी हो जाना है।
जेटली ने कहा, ‘‘पेशेवर जांच और जांच के दुस्साहस में आधारभूत अंतर है। हजारों किलोमीटर दूर बैठा मैं जब आईसीआईसीआई मामले में संभावित लक्ष्यों की सूची पढ़ता हूं तो एक ही बात दिमाग में आती है कि लक्ष्य पर ध्यान देने के बजाय अंतहीन यात्रा का रास्ता क्यों चुना जा रहा है? यदि हम बैंकिंग उद्योग से हर किसी को बिना सबूत के जांच में शामिल करने लगेंगे तो हम इससे क्या हासिल करने वाले हैं या वास्तव में नुकसान उठा रहे हैं।’’
पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर