लाइव न्यूज़ :

Aditya L-1 Launch: कौन हैं निगार शाजी जिन्होंने आदित्य एल-1 मिशन का किया नेतृत्व, मिलिए इसरो की इस महिला वैज्ञानिक से

By अंजली चौहान | Updated: September 2, 2023 15:01 IST

भारत के पहले सौर मिशन के सफल प्रक्षेपण में योगदान देने वाले सभी प्रतिभाशाली दिमागों में से एक नाम सबसे प्रतिभाशाली है, निगार शाजी।

Open in App

Aditya L-1 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से आदित्य-एल1 सौर मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है।

आज का दिन पूरे भारत के लिए एक अहम दिन है और गौरवपूर्ण भी। एक ओर जहां इसरो द्वारा सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 को भेजा गया है वहीं अब आदित्य एल 1 से सभी को खासी उम्मीदे हैं।

अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष सुविधा के सबसे विश्वसनीय रॉकेट सिस्टम पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) का उपयोग करके लॉन्च किया गया था। इस परियोजना के सफल लॉन्च में योगदान देने वाले सभी प्रतिभाशाली दिमागों में से एक नाम सबसे प्रतिभाशाली है, निगार शाजी।

कौन हैं निगार शाजी?

तमिलनाडु के दक्षिणी जिले तेनकासी की प्रतिष्ठित महिला वैज्ञानिक निगार शाजी जिनकी उम्र 59 साल है। उन्होंने आज आदित्य एल-1 मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद इतिहास रच दिया।

वह सूर्य का अध्ययन करने के उद्देश्य से भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित पहल की परियोजना निदेशक हैं। निगार शाजी की जड़ें तमिलनाडु के सेनगोट्टई शहर से जुड़ी हैं जहां उनका जन्म एक किसान शेख मीरान और एक गृहिणी सैतून बीवी के घर हुआ था। अपनी विनम्र शुरुआत के बावजूद, निगार की ज्ञान के प्रति प्यास छोटी उम्र से ही स्पष्ट हो गई थी।

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेनगोट्टई के एसआरएम गर्ल्स स्कूल से पूरी की। बाद में, उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और बीआईटी, रांची से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में मास्टर डिग्री के साथ अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाया।

ऐसे की करियर की शुरुआत 

अंतरिक्ष अन्वेषण की दुनिया में निगार की यात्रा 1987 में शुरू हुई जब वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक प्रमुख शाखा, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAAR) में शामिल हुईं।

उनके समर्पण और विशेषज्ञता ने उन्हें बेंगलुरु के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर तक पहुंचाया, जहां उन्होंने आदित्य-एल1 परियोजना निदेशक का महत्वपूर्ण पद संभालने से पहले विभिन्न भूमिकाएं निभाईं।

आदित्य-एल1 मिशन में शामिल होने से पहले, निगार शाजी ने भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतरग्रहीय उपग्रहों के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

विशेष रूप से, उन्होंने भारतीय रिमोट सेंसिंग उपग्रह रिसोर्ससैट-2ए के लिए एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में कार्य किया, जो राष्ट्रीय संसाधन निगरानी और प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। इस क्षेत्र में उनके काम में छवि संपीड़न, सिस्टम इंजीनियरिंग और अंतरिक्ष इंटरनेट प्रौद्योगिकियों पर शोध शामिल था।

गौरतलब है कि आदित्य-एल1 परियोजना में निगार शाजी का नेतृत्व उनके शानदार करियर में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्शाता है। 

टॅग्स :आदित्य-एल1इसरोभारतसाइंटिस्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई