भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने लेखिका शोभा डे नाम लेते हुए कश्मीर के मसले पर एक विवादित बयान दिया है, जिस पर डे ने उनकी निंदा की है। दअसल, अब्दुल बासित का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह पत्रकार और लेखिका शोभा डे का नाम लेते हुए एक कश्मीर के मसले पर एक विवादित बयान देते देखे जा रहे हैं। अब्दुल बासित वीडियो में जो कुछ कहते दिखाई दे रहे हैं, उसका मतलब है कि वह कश्मीर में जनमत संग्रह कराने के लिए एक प्रोपेगैंडा चलाना चाहते थे।
वह कहते दिखाई दे रहे हैं कि ''हमने बुरहान वानी की शहादत के बाद देखा जिस तरह पैलेट गन्स का इस्तेमाल हुआ, इकोनॉमिक ब्लॉकेड हुआ, इकोनॉमी कश्मीर की बर्बाद करके रख दी लेकिन मेन लैंड इंडिया में एक शख्स भी नहीं है जोकि सही मायनों में कश्मीर का जिक्र कर सके.. वो भी मेन लैंड इंडिया, बल्कि मेरे लिए तो एक चैलेंज था कि मैं किस तरह से किसी इंडियन जर्नलिस्ट को ये कन्विंस करूं कि यार कोई अखबार में एक अच्छा सा आर्टिकल लिख दो...।''
पाकिस्तानी ब्लॉगर फरहान विर्क से बात करते हुए अब्दुल बासित आगे कहते हैं, ''एक खातून जो मुझे मिली.. बहुत प्रॉमिनेंट, शोभा डे.. शी रोट एन आर्टिकल.. उनसे मैंने मुलाकात की, समझाया, तो उन्होंने आर्टिकल में आखिरी सेंटेंस लिखा- नाउ दि टाइम हैज कम टू डिजल्व दिस इश्यु वन्स..।''
इस पर शोभा डे ट्वीट किया, ''अल्लाह हेल्प पाकिस्तान!'' समाचार एजेंसी एएनआई से शोभा डे ने कहा, ''वह "बहुत अपमानित और व्याकुल महसूस कर रही हैं कि जिसने 40 साल से ज्यादा वक्त की विश्वसनीयता और सकारात्मक पत्रकारिता पर अपना करियर बनाया, उसके बारे में वह (अब्दुल बासित) ऐसा कुछ कहने की हिम्मत कैसे कर सकता है।''