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मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस-वे के लिए 315 हेक्टेयर जंगल की जमीन ली जा रही है, 80 हजार से अधिक पेड़ भी कटेंगे

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 29, 2022 21:19 IST

मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के 8 लेन हाईवे के निर्माण से वडोदरा और मुंबई के बीच करीब 379 किलोमीटर का हरित क्षेत्र प्रभावित होगा।

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ठळक मुद्देहाईवे के निर्माण के लिए अगले दो महीनों के भीतर जंगल की सफाई भी शुरू होने की उम्मीद हैमुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में मौजूद पेड़ों की कुल संख्या 88,349 हैइस बात की जानकारी स्वयं एनएचएआई के एक अधिकारी ने नाम न उजागर होने के शर्त पर दी है

मुंबई: पर्यावरण सुरक्षा की लिहाज से एक चिंताजनक खबर मुंबई से आ रही है। बताया जा रहा है कि मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे (एमवीई) के निर्माण में पालघर, ठाणे और रायगढ़ जिलों में की कुल 315 हेक्टेयर वन भूमि और 80 हजार से अधिक पेड़ को काटने की योजना है। यह बात स्वयं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के एक अधिकारी ने साझा की है। 

राजमार्ग विभाग की ओर सेमिली जानकारी के मुताबिक हाईवे के निर्माण के लिए अगले दो महीनों के भीतर जंगल की कटाई भी शुरू होने की उम्मीद है, वहीं मैंग्रोव की कटाई पर कोई भी फैसला तब होगा जब इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट और वन विभाग से लेवल-1 की मंजूरी मिल जाएगी। 

मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के 8 लेन हाईवे के निर्माण से वडोदरा और मुंबई के बीच करीब 379 किलोमीटर का हरित क्षेत्र प्रभावित होगा। यह क्षेत्रहाईवे निर्माण के 6वें चरण और दूसरे चरण के तहत पड़ेगा। 379 किलोमीटर पर हाईवे के निर्माण से दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय चार घंटे कम हो जाएगा। मौजूदा समय में दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में 7 घंटे लगते हैं। 

बताया जा रहा है किमुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 315 हेक्टेयर वनभूमि को दो अलग-अलग हिस्सों में विभाजित किया जाएगाी। जिसमें 193 हेक्टेयर वनभूमि को पालघर जिले में तलासरी से वसई तक की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

वहीं दूसरे हिस्से में112 हेक्टेयर वनभूमि को लिया जाएगा। जिससे रायगढ़ जिले में वसई और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए रास्ता बनाने के उपयोग में लिया जाएगा।

इस मामले में  अपना नाम न उजागर करने की शर्त पर जानकारी देते हुए एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि वसई-तलसारी की वनभूमि के लिए विभाग को महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण और दहानु तालुका पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण की ओर से लेवल-1 की मंजूरी मिल गई है। 

चूंकि इस वन मंजूरी के प्रस्ताव में लगभग 1,000 मैंग्रोव पेड़ों को हटाने की बात भी शामिल है, इसलिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को हाईकोर्ट से इसकी इजाजत लेनी होगी। हालांकि इस मामले में पहले ही लगभग तीन या चार सुनवाई हो चुकी है और उम्मीद है कि आगामी एक-दो सुनवाई के बाद मंजूरी मिल जाएगी। 

एनएचएआई के अधिकारी ने बताया कि तलासरी और वसई के बीच मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे के लिए रास्ता बनाने के लिए लगभग 38,000 पेड़ काटे जाएंगे, हालांकि राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) में मौजूद पेड़ों की कुल संख्या 88,349 है।

नवंबर 2019 की परियोजना की रिपोर्ट में बताया गया है कि 90,899 पेड़ और 49,408 हेज को ग्रीनबेल्ट विकास योजना के तहत लगाए जाने का प्रस्ताव दिया गया है, जबकि 1,91,589 पौधों को एक अलग वनीकरण योजना के तहत लगाए जाने का प्रस्ताव है।

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