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1984 Riots Case: कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की जमानत दिल्ली कोर्ट ने की स्वीकार, सिख समुदाय ने रिहाई का किया विरोध

By अंजली चौहान | Updated: August 5, 2023 16:24 IST

कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने 1984 में पुल बंगश इलाके में हुई हत्याओं के मामले में जमानत स्वीकार कर ली है।

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ठळक मुद्देजगदीश टाइटलर को राउज एवेन्यू कोर्ट से मिली जमानत सिखों ने जमानत का किया विरोध 1984 के सिख दंगों के आरोपी है जगदीश टाइटलर

नई दिल्ली: 1984 में दिल्ली में हुए सिख दंगों के दौरान पुल बंगश इलाके में हुई हत्याओं के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें अग्रिम जमानत दे दी है। 

शनिवार को अदालती कार्यवाही के दौरान, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विधी गुप्ता आनंद ने जगदीश टाइटलर की जमानत बांड स्वीकार कर ली, जिन्हें शुक्रवार को एक लाख के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर अग्रिम जमानत दे दी गई।

इस बीच, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के सदस्यों ने टाइटलर को जमानत देने के फैसले के खिलाफ अदालत के बाहर धरना दिया और उनके खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारी सदस्यों ने जगदीश टाइटलर को दी गई जमानत रद्द करने और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन के दौरान, सुरक्षा कारणों से अदालत कक्ष का प्रवेश द्वार बंद कर दिए जाने के बाद अदालत के बाहर डीएसजीएमसी के सदस्यों और दिल्ली पुलिस कर्मियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।

जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में जमानत याचिका पर बहस के दौरान लोक अभियोजक अमित जिंदल के माध्यम से सीबीआई ने जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि गवाह बहुत साहस दिखाते हुए आगे आए हैं और उन्हें प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

सीबीआई ने कहा कि नये गवाहों के बयान के मुताबिक प्रथम दृष्टया इस मामले में जगदीश टाइटलर की भूमिका प्रतीत होती है। सीबीआई ने कहा कि मामले का फैसला योग्यता के आधार पर हुआ है, अब संदेह के आधार पर राहत नहीं मांगी जा सकती।

पीड़ितों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने कहा कि यह देश का पहला ऐसा मामला है, जहां तीन बार क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई और तीन बार कोर्ट ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

फुल्का ने कहा कि अदालत मामले में गुण-दोष के आधार पर फैसला करेगी कि अधिकतम मौत की सजा दी जानी चाहिए या नहीं, यह मुकदमे का विषय है।

एचएस फुल्का ने कहा कि यह सिर्फ 3 सिखों की हत्या का मामला नहीं है, यह सिखों के नरसंहार से जुड़ा मामला है। 

गौरतलब है कि अदालत ने सीबीआई को जगदीश टाइटलर को एक आरोप पत्र देने का भी निर्देश दिया और मामले को जगदीश टाइटलर के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र की जांच के लिए सूचीबद्ध किया। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 11 अगस्त, 2023 है। 

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