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World Suicide Prevention Day 2022: हर 4 मिनट में 1 भारतीय करता है सुसाइड, युवा और दिहाड़ी मजदूर है सबसे ज्यादा शिकार

By आजाद खान | Published: September 08, 2022 10:53 AM

एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि देश में आत्महत्या का शिकार ज्यादा तर युवा और दिहाड़ी मजदूर हुए है। रिपोर्ट के अनुसार, खुदकुशी से मरने वाला हर चौथा शख्स दिहाड़ी मजदूर है।

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ठळक मुद्देपूरी दुनिया में आज विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। ऐसे में भारत में आत्महत्या से मरने वालों की संख्या काफी ज्यादा देखी गई है। एनसीआरबी रिपोर्ट की अगर माने तो भारत में हर चार मिनट में एक शुदकुशी होती है।

World Suicide Prevention Day 2022: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत में हर चार मिनट में एक आत्महत्या होती है। इस रिपोर्ट में गौर करने वाली बात यह है कि देश में आत्महत्या करने वाले हर तीन में से एक युवा होता है। 

यही नहीं एक और रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पिछले साल भारत में आत्महत्या से मरने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर है। ऐसे में इस रिपोर्ट से यह पता चलता है कि हर 12 मिनट में 30 साल से कम युवा अपनी जान लेता है। इन आत्महत्याओं के पीछे तनाव या डिप्रेशन (Depression) को मुख्य कारण माना जा रहा है। 

आत्महत्या से मरने वाला हर चौधा व्यक्ति है दिहाड़ी मजदूर

एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया’ (Accidental Deaths and Suicides in India) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पिछले साल 1,64,033 लोगों ने सुसाइड किया है जिसमें एक चौथाई लोग दिहाड़ी मजदूर थे। 

इससे यह खुलासा हुआ है कि देश में आत्महत्या करने वाला है हर चौथा शख्स दिहाड़ी मजदूर है। 

आत्महत्या करने वालों में पुरुष है ज्यादा

2021 में भारत में कुल 1.64 लाख आत्महत्या की केस दर्ज की गई है। ऐसे में हर रोज 450 और हर एक घंटे में 18 सुसाइड के मामले सामने आए है। आपको बता दें कि यह अब तक के समय का सबसे ज्यादा आत्महत्या का मामला है। 

वहीं अगर बात करे खुदकुशी करने वालों की तो देश में कुल 1.19 लाख पुरुषों ने किसी न किसी कारण से अपनी जान दी है। अगर बात करें महिलाओं की तो पिछले साल कुल 45,026 महिलाएं ने आत्महत्या की है। ट्रांसजेंडर में भी खुदकुशी के मामले देखें गए है और पिछले साल उनकी संख्या 28 थी। 

प्यार-मोहब्बत के चक्कर में सबसे ज्यादा आत्महत्या हुई है

एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि युवाओं में प्यार-मोहब्बत के चक्कर में 2.9 प्रतिशत आत्महत्या देखी गई है। वहीं दूसरे नंबर पर वो लोग शामिल है जो दहेज झगड़ों, ड्रग्स और गरीबी के कारण अपनी जान लेते है। इन हालातों में आत्महत्या करने वाले 2.3 प्रतिशत लोग होते है। 

इसके आलावा कई और कारण भी होते है जिस कारण यह आत्महत्या की जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुष सामाजिक और आर्थिक परेशानियों के कारण तथा महिलाएं व्यक्तिगत और भावनात्मक कारणों से भी खुदकुशी होती है। 

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