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नियमित और छोटी झपकी से आपका दिमाग 6.5 साल ज्यादा रह सकता है जवां! अध्ययन में हुआ खुलासा

By आजाद खान | Updated: July 5, 2023 11:45 IST

इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि नियमित और छोटी झपकी से ध्यान, समस्या-समाधान और क्रिएटिविटी को बढ़ने में मदद मिलती है। यही नहीं इस कारण आपके दिमाग का हेल्थ भी सुधरता है।

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ठळक मुद्देनियमित और छोटी झपकी को लेकर एक स्टडी सामने आई है। स्टडी में पाया गया है कि ऐसा करने से आपका दिमागर 6.5 साल ज्यादा जवां रह सकता है। यही नहीं इससे दिमाग को कई और फायदे भी मिल सकते है जिससे आपका शरीर भी ठीक रहेगा।

Health News:  शोधकर्ताओं ने नियमित झपकी यानी लगातार हल्की नींद लेने को लेकर एक नया खुलासा किया है। इस खुलासे में यह बात सामने आई है कि जो लोग दिन में नियमित झपकी लेते हैं उनका दिमाग जल्दी बुढ़ा नहीं होता है और वह 6.5 साल की और देरी के बाद बुढ़ा होता है। 

इस अध्ययन में 45 साल से ज्यााद उम्र वाले दो हजार लोगों को शामिल किया गया था। स्टडी में कई और खुलासे हुए है जिससे नियमित झपकी के और फायदों के बारे में जानकारी मिली है। ऐसे में आइए जानते है कि इस स्टडी में और क्या-क्या खुलासा हुआ है। 

अध्ययन में ये बाते सामने आई है

यूके के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन, उरुग्वे के रिपब्लिक यूनिवर्सिटी और मैसाचुसेट्स के ब्रॉड इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने नियमित झपकी को लेकर एक शोध किया था। इस शोध में यह साफ हुआ है कि जो लोग दिन में लगभग 20 से 30 मिनट तक छोटी झपकी लेते हैं, उनमें मानसिक क्षमताएं उन लोगों के समान होती हैं जो उनसे 6.5 वर्ष छोटे हैं। 

ऐसे में नियमित झपकी लेने से उनकी सोच और याद रखने की कौशल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता दिखा है। शोध करने वाले ग्रुप का मानना है कि नियमित झपकी दिमाग के कायाकल्प और यादों के समेकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

नियमित और छोटी झपकी के और फायदे

शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि नियमित और छोटी झपकी की कई और फायदे भी देखे गए है। उनके अनुसार, नियमित और छोटी झपकी से ध्यान, समस्या-समाधान और क्रिएटिविटी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इस कारण आपके दिमाग का हेल्थ भी सुधरता है और आपको बुढ़ापे के वजह से कमजोर दिमाग को सही से काम करने में मदद भी मिलती है। 

इस शोध को करने के पीछे शोधकर्ताओं का उद्देश्य था कि हमारे शरीर पर पर्याप्त नींद का क्या महत्व है और इससे हमारे दिमाग के हेल्थ पर कितना असर पड़ता है, वे यह जानना चाहते थे। 

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाओं कीLokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)

 

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