नाइट शिफ्ट करने वाले हो सकते है भुल्लक्कड़! बिहेवियर भी हो सकता है प्रभावित, शोध में हुआ खुलासा
By आजाद खान | Updated: August 26, 2023 15:37 IST2023-08-26T14:58:16+5:302023-08-26T15:37:32+5:30
शोध के अनुसार, रात के वक्त काम करने से मध्यम आयु वर्ग वाले और बुजुर्ग लोगों में याददाश्त खोने का खतरा रहता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देर रात तक ऑफिस वर्क करने वालों में संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Impairment) की दर 79 प्रतिशत ज्यादा होती है।

फोटो सोर्स: Wiki Media Commons -(https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Kenya_Office_Work.jpg)
Health News: क्या आप भी नाइट शिफ्ट में काम करते है, अगर हां तो यह आपके लिए एक बुरी खबर है। जी हां, हाल में एक नई स्टडी हुआ है जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए है। इस शोध में यह कहा गया है कि जो लोग रात में काम करते हैं या फिर नाइट वर्क करते है उनके याददाशत जल्दी जाने की संभावना ज्यादा रहती है।
यही नहीं शोध में यह भी पाया गया है कि नाइट शिफ्ट और कॉग्निटिव इंपेयरमेंट के बीच एक गहरा संबंध है। रिसर्चर्स के मुताबिक, मेमोरी लॉस के अलावा इन लोगों को कॉग्निटिव इंपेयरमेंट की परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।
क्या खुलासा हुआ है
कनाडा के यॉर्क यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्चर्स से यह पता चला है कि जो लोग रात में काम करते है उन में मेमोरी लॉस का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इससे उनकी याददाश्त भी जल्दी जा सकती है और उनके ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ सकता है। शोध में यह भी कहा गया है कि इस कारण लोगों के बिहेवियर में भी बदलाव देखने को मिल सकते है।
बता दें कि इस स्टडी में कुल 47,811 लोगों को शामिल किया गया था और काफी दिन तक रिसर्च करने के बाद यह खुलासा किया गया है। ऐसे में इस रिसर्च को इस हफ्ते ओपन-एक्सेस जर्नल PLOS ONE में पब्लिश की गई है।
इन लोगों पर पड़ सकता है असर
शोध में यह खुलासा हुआ है कि इस तरह से शिफ्ट करने वालों मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों में यह खतरा देखा जा सकता है। स्टडी में ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि इस तरह से नाइट शिफ्ट में काम करने वालों में संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Impairment) की दर 79 प्रतिशत ज्यादा होती है।
यही नहीं रिसर्च में यह भी कहा गया है कि इस तरह से नाइट शिफ्ट करने से ओवरटाइम करने वालों पर भी इसका असर पड़ता है और इससे उन में भी उनकी याददाश्त जाने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।