Coronavirus Treatment : कोरोना वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है। हालांकि डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार इसका इलाज और दवा खोजने में लगे हैं। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था कि क्लोरोक्वीन (Chloroquine) नामक दवा कोरोना वायरस के इलाज में सहायक हो सकती है। इस खबर से लोगों में आशा जगी है।
सवाल यह है कि क्या वाकई यह दवा आने वाले समय में कोरोना के इलाज में सहायक हो सकती है? आपको बता दें कि यह दवा मलेरिया को रोकने और इलाज के लिए इस्तेमाल होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कोरोना के उपचारों के रूप में चार दवाओं की घोषणा की जिसमें क्लोरोक्वीन भी शामिल है।
क्लोरोक्वीन (Chloroquine) पर अभी और अध्ययन बाकी
फॉक्स न्यूज़ के अनुसार, फिलहाल क्लोरोक्वीन व्यापक रूप से उपलब्ध है। हालांकि एफडीए आयुक्त स्टीफन हैन ने बताया कि स्वास्थ्य अधिकारी इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में अच्छी तरह जानकारी प्राप्त करने के लिए एक औपचारिक अध्ययन चाहते हैं। इस दवा का इस्तेमाल पहली बार 1944 में मलेरिया के इलाज के लिए किया गया था।
क्लोरोक्वीन (Chloroquine) को पहले चरण में मिली कामयाबी
जब लोग कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं, तो वायरस मानव कोशिकाओं के बाहर रिसेप्टर्स से जुड़ जाते हैं। क्लोरोक्वीन दवा को उस प्रक्रिया को कम करने का काम किया है। यह दवा संभावित रूप से कोरोना वायरस पर असर कर सकती है।
न्यूयॉर्क शहर के लेनॉक्स हिल अस्पताल में एक पल्मोनोलॉजिस्ट और इंटर्निस्ट डॉक्टर लेन होरोविट्ज़ ने एबीसी न्यूज़ को बताया कि जिस तरह से इस दवा ने सार्स के खिलाफ काम किया, वह कोशिकाओं में वायरस के लगाव को रोकने के द्वारा किया गया था। क्लोरोक्वीन ने कोशिका झिल्ली की सतह पर उस रिसेप्टर के लगाव में हस्तक्षेप किया।
कई बीमारियों के इलाज में सहायक है क्लोरोक्वीन (Chloroquine)
मेडोलाइनप्लस के अनुसार, क्लोरोक्वीन को कभी-कभी ऑटोइम्यून बीमारी रूमेटाइड आर्थराइटिस और रजीवी जीवाणु से होने वाले रोग अमीबियासिस के उपचार के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
क्लोरोक्वीन (Chloroquine) के साइड इफेक्ट्स
अगर इस दवा के साइड इफेक्ट्स की बात करें तो अमेरिकन सोसाइटी ऑफ फार्मासिस्ट के अनुसार, इससे मांसपेशियों की समस्या, भूख न लगना, डायरिया, और त्वचा पर लाल चकत्ते होना आदि शामिल हैं, जबकि अधिक गंभीर मामलों में इससे दृष्टि और मांसपेशियों की क्षति की समस्याएं हो सकती हैं।
इस दवा को खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) से मंजूरी मिली है या नहीं इसे लेकर अभी संशय है। ऐसी खबरें थी कि ट्रम्प ने दावा किया था कि इसे एफडीए की मंजूरी मिल गई है लेकिन इन बयान को गलत बताया जा रहा है। सीएनएन ने ट्रम्प के इस बयान को गलत बताया है.
कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 10,049 लोगों की मौत हो गई है और करीब 180 देशों के 245,660 लोग संक्रमित हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इनमें सबसे ज्यादा मौत इटली में 3,405 और उसके बाद चीन में 3,248 मौत हुई हैं। इसके बाद ईरान में 1,284 और स्पेन में 831 लोगों की जान गई है। भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 195 हो गई है। कोरोना वायरस से भारत में अब तक चार लोगों की मौत हुई है। इनमें से 20 मरीज सही हो चुके हैं।