कोरोना वायरस की चपेट में दुनियाभर के करीब 20 लाख लोग आ चुके हैं और इससे अब तक 1 लाख, 26 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इनमें अमेरिका में सबसे ज्यादा 26 हजार लोगों की मौत हुई है। भारत की बात करें, तो अब तक करीब 11 हजार मामले देखने को मिले हैं और मरने वालों की संख्या 400 के पास पहुंचने वाली है।
कोरोना वायरस के आम लक्षणों में सूखी खांसी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई आदि हैं, जिन्हें अधिकतर लोग जानते हैं। कोरोना के कुछ नए लक्षण भी सामने आये हैं। शोधकर्ताओं ने अनुभव और प्रयोग के आधार पर पहली बार यह पता लगाया है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता को प्रभावित करता है।
'इंटरनेशनल फोरम ऑफ एलर्जी एंड रायनोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक, ऐसा व्यक्ति जिसमें इंफ्लूएंजा के लक्षण हों और उसके सूंघने तथा स्वाद चखने की क्षमता प्रभावित हो रही हो तो वह कोविड-19 का मरीज हो सकता है।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो में ईएनटी की डॉक्टर और अध्ययन की सह-लेखिका कैरोल यान ने कहा, 'हमारे अध्ययन के अनुसार, अगर आपके सूंघने की और स्वाद चखने की क्षमता कम हो गयी है तो, आपके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा 10 गुना ज्यादा है।'
यान ने बताया कि कोविड-19 का मुख्य लक्षण अभी भी बुखार ही है, लेकिन थकान, सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता में कमी भी उसके सामान्य शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, 'हम जानते हैं कि कोविड-19 बेहद संक्रामक वायरस है। यह अध्ययन कोविड-19 के शुरुआती लक्षणों के तौर पर सूंघने और स्वाद चखने की क्षमता में कमी की पुष्टि करता है।'
अनुसंधानकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो में तीन से 29 मार्च, 2020 के बीच कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए आए 1,480 मरीजों के लक्षणों आदि का विश्लेषण किया है। इनमें से 102 जांच में संक्रमित पाए गए जबकि 1,378 में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
कोरोना वायरस के आम लक्षण
डॉक्टर के अनुसार, 'कोरोना वायरस के लक्षण भी फ्लू के जैसे ही हैं। इस वायरस के सामान्य संकेत और लक्षणों में सांस संबंधी समस्याएं जैसे सांस में कमी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, खांसी, नाक बहना आदि शामिल हैं। अधिक गंभीर मामलों में, संक्रमण से निमोनिया, सेवेर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, किडनी फेलियर यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
कोरोना के इलाज के लिए अभी तक कोई दवा या स्थायी इलाज नहीं मिला है लेकिन डॉक्टर और वैज्ञानिक लगातार दवा खोज रहे हैं। कोरोना से बचने का तरीका केवल सुरक्षा है। यही वजह है कि तमाम देशों में लोगों को आइसोलेशन की सलाह दी जा रही है क्योंकि यह वायरस से एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है।
समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ