लाइव न्यूज़ :

एनसीईआरटी के नए पाठ्यक्रम राममंदिर, सावरकर, गोखले और पटेल की भूमिका का होगा वर्णन

By एसके गुप्ता | Published: August 06, 2020 5:38 PM

एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि फरवरी 2021 तक नए पाठ्यक्रम में क्या-क्या शामिल होगा यह तय कर लिया जाएगा। इसमें राममंदिर भी शामिल होगा। इसके बाद पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने में करीब एक साल का समय लगेगा।

Open in App
ठळक मुद्देनिदेशक डा. ऋषिकेश सेनापति ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि 2005 के बाद न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार नहीं किया गया है। नई शिक्षा नीति के साथ ही सरकार ने नया पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा है। इस पर पहले से ही काम चल रहा है। कमेटियों का गठन होगा और कमेटियों की ओर से सुझाव दिए जाएंगे। जिसके अनुसार विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम की रूपरेखा में बदलाव होंगे।

नई दिल्लीः देश की नई शिक्षा नीति को लेकर नया पाठ्यक्रम तैयार होगा। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और उनकी जन्म भूमि अयोध्या का राममंदिर पाठ्यक्रम में शामिल किए जाएंगे।

एनसीईआरटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि फरवरी 2021 तक नए पाठ्यक्रम में क्या-क्या शामिल होगा यह तय कर लिया जाएगा। इसमें राममंदिर भी शामिल होगा। इसके बाद पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने में करीब एक साल का समय लगेगा।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के निदेशक डा. ऋषिकेश सेनापति ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि 2005 के बाद न्यू करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार नहीं किया गया है। नई शिक्षा नीति के साथ ही सरकार ने नया पाठ्यक्रम बनाने के लिए कहा है। इस पर पहले से ही काम चल रहा है। जिसके लिए कमेटियों का गठन होगा और कमेटियों की ओर से सुझाव दिए जाएंगे। जिसके अनुसार विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम की रूपरेखा में बदलाव होंगे।

शिक्षा बचाओं आंदोलन समिति के संस्थापक सहसंयोजक और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास' के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि छात्र जीवन में बच्चे अच्छा आचरण करें और मर्यादित बनें। राम जन्मभूमि विवाद को सुलझने से लेकर भूमि पूजन तक में करीब 500 साल लग गए। यह सब छात्रों को पता होना चाहिए।

नई शिक्षा नीति देश को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। देश के लिए वह लंबे समय से ऐसी ही शिक्षा नीति की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब नए पाठ्यक्रमों के तहत तैयार होने वाली किताबों में बदलाव की जरूरत है।

जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों में वीर सावरकर , गोपाल कृष्ण गोखले के अलावा कई रियासतों में बंटे आजाद भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाले देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की दृंढ इच्छाशक्ति को किताबों के माध्यम से छात्रों तक पहुंचाने पर काम किया जाना जरूरी है। नए पाठ्यक्रम पर सुझाव के लिए जब कमेटियों का गठन होगा और सुझाव मांगे जाएंगे तो हमारी तरफ से यह सुझाव एनसीईआरटी को दिए जाएंगे।

 

टॅग्स :शिक्षा मंत्रालयरमेश पोखरियाल निशंकनरेंद्र मोदीविनायक दामोदर सावरकरवल्लभभाई पटेलराम जन्मभूमिराम मंदिर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतLok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने टीएमसी पर संदेशखाली महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाने का आरोप लगाया

भारतझारखंड दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर साधा जमकर निशाना, कहा- इन्होंने भ्रष्टाचार से नोटों के अंबार खड़े किए

भारतBihar LS Elections 2024: मोदी के बिहार दौरे पर लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप ने कसा तंज, कहा-प्रधानमंत्री को लालू यादव से मोह

भारतLok Sabha Elections 2024: 'वायनाड से भागकर रायबरेली गए, सबको कहते घूम रहे हैं कि ये मेरी मम्मी की सीट है' , पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर कसा तंज

भारतLok Sabha Elections 2024: "मोदी के 'सांप्रदायिक' प्रचार और गैर-जिम्मेदाराना भाषण पर चुनावी आयोग की चुप्पी हैरान कर देने वाला है", एमके स्टालिन ने पीएम मोदी और आयोग पर साधा निशाना

पाठशाला अधिक खबरें

भारतCA Inter Result 2023: सीए इंटर नवंबर 2023 का रिजल्ट जारी, जानिए कहां और कैसे देखें

पाठशालाUGC NET December 2023: अभी तक नहीं भरा है फॉर्म, तो हो जाएं सतर्क! कल है अंतिम तिथि

पाठशालाDelhi University: मीडिया इंटर्नशिप करने के लिए छात्रों के पास मौका, जानिए कैसे करें आवेदन

पाठशालाब्लॉग: स्कूल में मोबाइल पर पाबंदी की पहल

पाठशालाHealth Care Sector: दसवीं के बाद आईएचसीई से कोर्स कर ग्रामीण क्षेत्र के हेल्थ केयर में बनाएं करियर