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दिल्ली: फीस बढ़ोतरी को लेकर JNU के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन, भारी संख्या में फोर्स तैनात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 11, 2019 13:05 IST

छात्र संघ का दावा है कि इस नियमावली में फीस में वृद्धि, कर्फ्यू की समयावधि, विद्यार्थियों के लिए परिधान संहिता पाबंदियां जैसे प्रावधान हैं। छात्र संघ ने कहा कि जब तक इस नियमावली को वापस नहीं लिया जाता, तब तक वह हड़ताल नहीं खत्म करेगा।

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ठळक मुद्देभारी संख्या में फोर्स तैनात किया गया है। विश्वविद्यालय सोमवार को अपने तीसरे दीक्षांत समारोह की मेजबानी कर रहा है

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कर रहे छात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की तरफ आगे बढ़ने चाहते थे लेकिन गेटों पर अवरोधक लगा दिए गए हैं।

उप राष्ट्रपति वेकैंया नायडू इस स्थान पर दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि सुबह शुरु हुआ यह प्रदर्शन छात्रावास के मैनुअल के विरोध के अलावा पार्थ सारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन की पाबंदी तथा छात्र संघ के कार्यालय को बंद करने के प्रयास के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों का ही हिस्सा है। छात्रों का दावा है कि मैनुअल में फीस में वृद्धि, कर्फ्यू का वक्त और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों का प्रावधान है।

 

इससे पहले छात्र संघ ने विद्यार्थियों से परिसर में एकत्र होने का आह्वान किया था और कहा कि इसके बाद एआईसीटीई सभागार की ओर मार्च निकाला जाएगा जहां दीक्षांत समारोह होगा। छात्र संघ छात्रावास नियमावली मसविदा के खिलाफ हड़ताल पर है ।

जानिए छात्रों की मांगें

इस नियमावली को इंटर-हॉल प्रशासन ने मंजूरी प्रदान की है। छात्र संघ का दावा है कि इस नियमावली में फीस में वृद्धि, कर्फ्यू की समयावधि, विद्यार्थियों के लिए परिधान संहिता पाबंदियां जैसे प्रावधान हैं। छात्र संघ ने कहा कि जब तक इस नियमावली को वापस नहीं लिया जाता, तब तक वह हड़ताल नहीं खत्म करेगा। उसने कहा कि सोमवार का विरोध प्रदर्शन नियमावली तथा पार्थसारथी रॉक्स में प्रवेश पर प्रशासन द्वारा पाबंदियों तथा यूनियन कार्यालय पर ताला लगाने के प्रयास जैसे अन्य कई मुद्दों के खिलाफ छात्र आंदोलन का हिस्सा है। 

पिछले साल 46 वर्षों बाद विश्वविद्यालय में दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। पिछले वर्ष छात्र संघ ने जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार पर लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाते हुए दीक्षांत समारोह का बहिष्कार किया था। विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 1972 में हुआ था जब जी. पार्थसारथी कुलपति थे। 

टॅग्स :जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू)
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