कोलकाता: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण के मतदान के दौरान शनिवार शाम को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में अज्ञात हमलावरों ने 35 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता की हत्या कर दी। पीड़ित हफीजुर शेख कालीगंज के पचा चांदपुर का निवासी था और कथित तौर पर चुनाव से पहले वह माकपा से भाजपा में शामिल हुआ था। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हफीजुल अपने पड़ोसियों के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कैरम खेल रहा था, तभी हमलावरों ने उस पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। गोली लगने के बाद हफीजुल की कथित तौर पर गला रेतकर हत्या कर दी गई।
आरोप है कि जब हफीजुल ने भागने की कोशिश की तो उसे गोली मार दी गई और उसकी हत्या सुनिश्चित करने के लिए उसे पीटा गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि हमलावरों में से कुछ खाकी वर्दी पहने हुए थे और पुलिस कर्मियों होने का दिखावा कर रहे थे। हत्या के बाद हफीजुल के रिश्तेदारों और स्थानीय निवासियों ने पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए पूरी रात शव के साथ प्रदर्शन किया। हालांकि, पुलिस ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि देर रात तक उनके पास कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।
हफीजुल की पत्नी सखी बीबी ने कहा, "उन्होंने मेरे पति को मार डाला। हमारे बच्चों का क्या होगा? अब उनकी देखभाल कौन करेगा?" हफीजुल के बड़े भाइयों में से एक सुकू शेख ने कहा, "मेरे भाई को योजनाबद्ध तरीके से मारा गया। पुलिस को सब कुछ पता था, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।" सुकू ने सीपीआई(एम) के टिकट पर देवग्राम पंचायत में सीट जीती थी, लेकिन अब वह खुद को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का समर्थक बताते हैं।
यह इलाका कृष्णानगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां 13 मई को लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में मतदान होना है। मुस्लिम बहुल इस इलाके में पिछले पंचायत चुनावों के बाद से माकपा का उभार देखने को मिला है, जिससे मतदाताओं पर टीएमसी की पकड़ पर खतरा मंडरा रहा है। हाफिजुर के एक अन्य भाई जैनुद्दीन मोल्ला ने दावा किया कि वे पंचायत चुनाव में माकपा के साथ थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा के नदिया उत्तर संगठनात्मक जिला अध्यक्ष अर्जुन विश्वास रात में घटनास्थल पर गए और पुलिस तथा परिवार के सदस्यों से बात की। उन्होंने कहा, “उस गांव के कई लोग जैनुद्दीन मोल्ला उर्फ बागा के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसी कारण उसके भाई (हाफिजुर) की हत्या की गई है।” भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि हाफिजुर की हत्या इसलिए की गई, क्योंकि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में इस इलाके में अच्छा प्रदर्शन किया था।
हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि हत्या से राजनीति का कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि हमला निजी दुश्मनी के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि हमलावरों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। कालीगंज के टीएमसी विधायक नसीरुद्दीन अहमद ने कहा, "यह कोई राजनीतिक हत्या नहीं है। पुलिस जांच कर रही है। जब अपराधी पकड़े जाएंगे, तभी हत्या के पीछे का असली मकसद पता चलेगा।"