कानपुर: कानपुर शूटआउट के दौरान 2 और 3 जुलाई की रात बिकरू हत्याकांड में सबसे ज्याद बेरहमी से डीएसपी/सीओ देवेंद्र मिश्रा की हत्या हुई थी। कानपुर शूटआउट में शामिल आरोपी शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु और उसकी सास का एक और वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें यह खुलासा हुआ है कि देवेंद्र मिश्रा को गोली गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे ने मारी थी। वायरल वीडियो में शशिकांत पांडेय की सास कहती हैं, पुलिसवाले (डीएसपी देवेंद्र मिश्रा ) कहते रहे अमर भैया (अमर दुबे) मत मारो...मत मारो... लेकिन उसने पहले गाली गी और फिर गोली मार दी।
नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शशिकांत के घर के आंगन में अमर दुबे ने सीओ देवेंद्र मिश्रा को गोली मारी थी। शशिकांत की सास ने पुलिस को बताया, मैंने अपनी कानों से सुना था। देवेंद्र मिश्रा कह रहे थे, हम नहीं आएंगे....अब हम नहीं आएंगे अमर भैया...तब तक अमर ने गोली मार दी। गोली मारने से पहले अमर दुबे ने नीचे उतरकर वेंद्र मिश्रा को बहुत मारा था।
सीओ देवेंद्र मिश्रा को सिर में मारी गई थी गोली फिर काटा गया पैर
शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु ने पुलिस को बताया कि सीओ की हत्या उसके ससुर प्रेम प्रकाश और अमर दुबे ने मिलकर की थी। अमर ने कहा था कि इसी पुलिसवाले ने भईया (विकास दुबे) को बहुत परेशान किया है। सीओ के सिर पर गोली मारने के बाद उसका पैर भी काटा गया था।
शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु ने कहा, मेरे पास खोने को कुछ भी नहीं है। ससुर (प्रेम प्रकाश) मुठभेड़ में मार दिए गए हैं। और पति (शशिकांत पांडेय) को जेल भेज दिया गया है। घर पर दो बच्चे हैं और बीमार सास है। मैं अपने बच्चों को बचाने के लिए कुछ भी करूंगी इसलिए मैं पुलिस वालों का मैं पूरा साथ दूंगी।
अपने तीन से चार ऑडियो वायरल होने पर शशिकांत पांडेय की पत्नी मनु ने कहा, मेरे जो भी ऑडियो वायरल हुए हैं वह उस वक्त की परिस्थिति और हालात को लेकर थे। विकास दुबे ने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया है।
कानपुर शूटआउट में 8 पुलिसकर्मी हुए शहीद, विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई 2020 की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के विकास दुबे के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। जिसमें यूपी पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
इस घटना के बाद से विकास दुबे फरार चल रहा था। पुलिस ने उसके ऊपर पांच लाख का ईनाम रखा था। 9 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपा। 10 जुलाई को उज्जैन से कानपुर लाते वक्त विकास दुबे सचेंडी थाना क्षेत्र में एसटीएफ (STF) के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।