लखनऊः देश का सबसे बड़ा पुलिस बल उत्तर प्रदेश में है. सूबे के चप्पे-चप्पे पर पुलिस के सिपाहियों की की तैनाती है. नेपाल सीमा पर भी चौकसी है और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अफसर भी सूबे में सक्रिय हैं. इसके बाद भी सूबे में बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार हो रहा है. बीते पांच वर्षों में 57 हजार से ज्यादा ड्रग ट्रैफिकर्स यूपी में गिरफ्तारी किए गए हैं. इनके पास से 2,82,450 किग्रा मादक पदार्थों की बरामदगी की, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 4950 करोड़ रुपए है.
गत 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर यह आंकड़े जारी करते हुए सूबे के आबकारी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने आबकारी अधिकारियों को पुलिस के साथ मिलकर मादक पदार्थों के तस्करी में लिप्त लोगों की धरपकड़ करने का अभियान चलाने का निर्देश दिया है. ड्रग ट्रैफिकर्स को पकड़े में जनता का भी सहयोग लिया जाए ताकि इसे जड़ से खत्म किया जा सके.
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश नशे के कारोबार का एक बड़ा केंद्र बन गया था. नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के रास्ते होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी के तार सीधे प्रदेश से जुड़े थे. जांच एजेंसियों के जरिए यह पता चला था कि नेपाल और भूटान से गांजा, चरस, अफीम, हेरोइन और पोस्ता की तस्करी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही है.
यहां से यह माल दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में भेजा जाता है. आगरा, आजमगढ़, वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़ और मिर्जापुर नशे के कारोबार के बड़े केंद्र बन गए हैं. सिंथेटिक ड्रग का बढ़ता चलन भी राज्य में लगातार बढ़ रहा है. ऐसी रिपोर्टों के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में ड्रग्स के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की धरपकड़ के लिए अगस्त 2023 में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की तर्ज पर एएनटीएफ का गठन किया था. वर्तमान में एएनटीएफ की आठ यूनिट काम कर रही हैं.
इसी एजेंसी का आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में बीते 5 वर्षों के दौरान 2,82,450 किग्रा मादक पदार्थों की बरामदगी की गई है. बरामद मादक पदार्थों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 4950 करोड़ रुपए है. इस मामले में पकड़े गए लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत 50,282 मुकदमे दर्ज कर 57,965 ड्रग ट्रैफिकर्स को जेल भेजा गया है.
इसके साथ ही मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों की 382 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति जब्त की गई और 20 बड़े गिरोहों को चिन्हित कर उनके सफाए का अभियान चलाया जा रहा है. मादक पदार्थों की तस्करी के कई रास्तों का भी पता चलाने पर अब उन रूट पर निगाह रखते हुए तस्करों की धरपकड़ का अभियान चलाया जा रहा है.
मंत्री ने दिए निर्देश
सूबे के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल का कहना है कि राज्य में नशे के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों की धरपकड़ के लिए पुलिस और आबकारी अफसर सक्रिय हैं. इसके साथ ही राज्य में युवाओं में नशे के विरुद्ध जन जागरूकता को बढ़ाने के लिए सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है.
जनता से समाज में नशा उन्मूलन के लिए अपराधियों और उनके ठिकानों की सूचना देने के लिए '1933' नंबर पर सूचना देने की अपील की गई है. इसके साथ ही ही राज्य में अवैध शराब, गाँजा, अफीम आदि की धरपकड़ के लिए हर सप्ताह अचानक चेकिंग करने के निर्देश दिए पुलिस और आबकारी अफसरों को दिए गए है. चुनावों के दौरान ऐसी चेकिंग के दौरान बड़ी संख्या में लोग शराब और गाँजा आदि के साथ पकड़े जाते थे. अब फिर इसे ऐसी चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं.