लखनऊ, 12 अप्रैल: उन्नाव की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ गुरुवार (12 अप्रैल) को एफआईआर दर्ज की गयी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार बीजेपी एमएलए कुलदीप सिंह सेंगर पर आईपीसी की धारा 363, 366, 376 और 506 के अलावा पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने उन्नाव गैंगरेप की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर मामले की सीबीआई जाँच की अनुशंसा की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी गुरुवार (12 अप्रैल) उन्नाव गैंगरेप मामले में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।
विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर को पहले ही पीड़िता के पिता की पिटाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोप है कि विधायक के भाई ने अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता के पिता की बुरी तरह पिटाई की और उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दिया। पुलिस ने पीड़िता को पिता को गिरफ्तार कर लिया। चार दिन बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। पीड़िता के पिता की मौत के बाद मामला मीडिया में तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने विधायक के भाई को गिरफ्तार किया और सीएम योगी ने मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिये।
एसआईटी की पहली रिपोर्ट सामने आने के बाद बुधवार देर रात आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पुलिस एसएसपी ऑफिस पहुंचे थे। विधायक सेंगर खुद को निर्दोष बताते रहे हैं। सेंगर का कहना है कि उन्हें राजनीतिक रंजिश की वजह से फंसाया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ सरकार ने पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने वाले जिला अस्पताल के दो इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ डीके द्विवेदी और डॉ प्रशांत उपाध्याय और सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। जिला अस्पताल के आर्थो सर्जन डॉ मनोज कुमार, सर्जन डॉ जीपी सचान और ईएमओ डॉ गौरव अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यूपी सरकार ने क्षेत्राधिकारी सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को भी सस्पेंड किया गया है। फीपुर कुंवर बहादुर सिंह को पीड़िता द्वारा बार-बार शिकायत किए जाने के बाद भी मामले की जांच और कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता के पिता के मौत को देखते हुए यूपी सरकार ने पीड़िता के परिवार को हर संभव सुरक्षा मुहैया कराने के भी आदेश दिये हैं। कहा गया है कि पीड़िता के घरवालों की सुरक्षा बढ़ाई जाए।
पीड़िता के पिता की हत्या के आरोप में विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
पढ़िए उन्नाव गैंगरेप की पूरी टाइमलाइन-
पढ़िए उन्नाव गैंगरेप केस में जून 2017 से अब तक कब-कब क्या-क्या हुआ-11 जून 2017: एक दिन शुभम नाम के लड़के साथ लड़की अचानक गायब हो गई और ने शुभम पर आरोप लगाया, अवधेश पर केस किया21 जून 2017: जिसके बाद जांच के बाद पीड़िता पुलिस को मिली22 जून 2017: मजिस्ट्रेट के सामने पीड़िता ने बयान में कहा कि उसके साथ तीन लोगों ने गैंगरेप किया है। जो बीजेपी विधायक के समर्थक गैं। जिसके बाद तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए।22 जुलाई 2017: पीएम को पीड़िता ने चिट्ठी लिखी और विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया30 अक्टूबर 2017: पीड़िता व उसके परिवार पर विधायक समर्थकों ने मानहानि का केस किया, पीड़िता के घरवालों पर विधायक को रावण बताने वाला पोस्टर लगाने का आरोप22 फरवरी 2018: उन्नाव जिला अदालत में पीड़िता ने अर्जी दी, जिसमें विधायक पर रेप का आरोप लगाया, उसमें शुभम की मां पर नौकरी के बहाने विधायक के घर ले जाने का आरोप लगाया गया।3 अप्रैल 2018: कोर्ट से आते समय पीड़िता के परिवार पर हमला, विधायक के भाई ने की मारपीट। पुलिस ने आरोपियों की जगह पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट में केस किया।4 अप्रैल 2018: विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया।4 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया।9 अप्रैल 2018: चार दिन बाद सुबह पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किये गये।10 अप्रैल 2018: पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।11 अप्रैल 2018: उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी। एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।
12 अप्रैल 2018- बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।