बुराड़ी कांड: ललित और उसकी पत्नी ने ऐसे रची थी आत्महत्या की कहानी, जांच में हुआ नया खुलासा
By भारती द्विवेदी | Published: July 3, 2018 11:22 AM2018-07-03T11:22:16+5:302018-07-03T11:22:16+5:30
पुलिस की जांच में हुए खुलासे की मुताबिक घर के सभी सदस्यों को पूजा करने के बहाने फांसी पर लटकाया गया है।
नई दिल्ली, 3 जुलाई: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की आत्महत्या की गुत्थी धीरे-धीरे करके सुलझते दिख रही है। 11 लोगों की पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में ये साफ हो चुका है कि सबकी मौत फांसी लगाने की वजह से हुई है। अब इस केस में एक और नई जानकारी सामने आई है। 45 वर्षीय ललित दिमागी रूप से कमोजर था। साथ ही वो और उसकी पत्नी टीना ने पूरे घटना को अंजाम दिया है। पुलिस की जांच में हुए खुलासे की मुताबिक घर के सभी सदस्यों को पूजा करने के बहाने फांसी पर लटकाया गया है।
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क्राइम ब्रांच के सीनियर अधिकारी के अनुसार, ललित के पिता की 12 साल पहले मौत हो चुकी थी। दिमागी रूप से कमोजर ललित इस बात का दावा करता था कि उसके पिता की आत्मा उसके अंदर आती है। पिता की आत्मा जो कहती है, ललित वही करता था। आत्मा द्वारा कही गई बातों को वो रजिस्टर में लिखता था। साल 2015 से उसने रजिस्टर लिखना शुरू किया था। रजिस्टर में सबसे पहली बार उसने अगस्त 2015 में और आखिरी बार 30 जून को बातें लिखी थी। ललित ने अपने रजिस्टर में लिखा था कि उसके पिता की आत्मा ने उससे बड़ पूजा (वटवृक्ष) के लिए कहा था। जिसके बाद उसने ये प्लानिंग बनाई। ललित ने अपने घर वालों को कहा था कि 10-15 मिनट का अनुष्ठान होगा। इस पूजा के दौरान सभी के हाथ बंधे रहेंगे और गले में चुन्नियां लटकेंगी, सभी के नीचे स्टूल रहेगा। साथ ही कौन कहां खड़ा होगा ये सब भी ललित ने तय किया था।
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उसने सभी को कहा था कि पूजा के बाद वो स्टूल हटा सकते हैं और हाथ खोल सकते हैं। पुलिस अधिकारी माने तो कि ललित ने पत्नी टीना के साथ मिलकर सभी के नीचे से स्टूल हटा दिया। फिर पत्नी और मां के साथ खुदकुशी कर ली। बड़ तपस्या यानी वटवृक्ष की पूजा। इस पूजा के दौरान लोगों को वटवृक्ष की शक्ल में आना पड़ता है जिनकी शाखाएं लटकती रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान खुश होते हैं। इस पूजा के दौरान घर में खाना नहीं बनना चाहिए और 6 घंटे तक अनुष्ठान करने के दौरान फोन को साइलेंट रखना चाहिए।
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इस वजह से ललित ने सभी का फोन साइलेंट करवा कर पॉलिथीन में लपेट कमरे में रख दिया था। घर के मंदिर में मिले दो रजिस्टरों में वट तपस्या, निर्वाण, शून्य जैसे शब्दों का जिक्र है। नोट के मुताबिक, यदि कोई इन सारे नियमों का पालन करेगा, उसकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। इस पूजा के लिए हफ्ते के चार दिन मंगलवार, बृहस्पतिवार, शनिवार और रविवार तय किए गया था।
वहीं परिवार के सदस्य दिनेश का कहना है- 'मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराया है क्योंकि ये आत्महत्या का केस नहीं है। मुझे मीडिया रिपोर्ट पर विश्वास नहीं है। वे लोग किसीभी बाबाा के संपर्क में नहीं थे। दीवार में लगी पाइप वेंटिलेशन के लिए हो सकता है। '
Filed police complaint because this isn't a suicide case. I don't believe in media reports.They had never been in contact with any 'baba'.Pipes in the wall might have been for ventilation: Dinesh,member of the family,11 members of which were found dead in Delhi's Burari on July 1 pic.twitter.com/EKKxwZfpJX
— ANI (@ANI) July 3, 2018
बता दें कि एक जुलाई को दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक घर से संदिग्ध अवस्था में 11 लोगों के शव बरामद किए गए था। 10 शव फंदे से लटके मिले और इनके आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी, जबकि 75 वर्षीय एक महिला का शव फर्श पर पड़ा हुआ था। ये सभी शव बुराड़ी के संत नगर मोहल्ले की गली नंबर 24 में गुरुद्वारे के पास एक घर से बरामद किए गए हैं। बरामद किए गए शवों में दो भाई और उनकी पत्नियां थीं। इसके अलावा दो नाबालिग लड़के, एक बुजुर्ग मां और बहनें थीं। इनमें से 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले थे।
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