नई दिल्ली, 26 जूनः शैलजा हत्याकांड का आरोपी मेजर निखिल हांडा को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं। वह न केवल अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा से बात करता था बल्कि कई और महिलाओं से भी वह बात करता था। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह शैलजा के अलावा कई और महिलाओं के साथ प्यार का नाटक करता था, जिसके लिए वह फेसबुक का सहारा ले रहा था।
बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ में निखिल हांडा ने यह भी कबूला है कि लड़कियों से फेसबुक के जरिए चैट करता था। इसके लिए वह फेसबुक पर फेक आईडी बनता था, जिसके बाद चैट करता था और अपने झांसे में लेकर उनसे शादी का वादा किया करता था। उसकी इस करतूत की किसी को भी भनक नहीं थी।
खबरों के अनुसार, जिन महिलाओं से वह फेसबुक के जरिए बात करता था उनमें एक तलाकशुदा महिला भी थी, जिससे वह घंटो बात करता था। हांडा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने शैलजा की हत्या के बाद सबसे पहले दिल्ली की रहने वाली अपनी गर्लफ्रेंड को फोन कर इस हत्याकांड की जानकारी दी। उसकी गर्लफ्रेंड ने इस हत्याकांड के बारे में सुनकर निखिल हांडा की जमकर लताड़ लगाई और फोन को काट दिया। उसने पुलिस को बताया कि वे दोनों पिछले कई साल से एक दूसरे को जानते हैं और वह अपने दिल की बात अक्सर इसी गर्लफ्रेंड से करता था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया है कि हांडा और शैलजा के बीच अवैध रिश्तों के बारे में उसके पति अमित द्विवेदी को भनक लग गई थी। इसके अलावा उसने दोनों को वीडियो कॉल करते हुए पकड़ लिया था। इस घटना के बाद अमित ने दोनों को एक-दूसरे से अलग रहने के लिए कहा, जिसके बाद शैलजा ने उससे दूरी बना ली। हालांकि निखिल लगातार उसे परेशान करता रहता था। दोनों के बीच जनवरी से जून तक 3300 से अधिक फोन कॉल हुए।
इधर, सोमवार को दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीषा त्रिपाठी ने मेजर निखिल हांडा को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। कड़ी सुरक्षा के बीच हांडा को दिल्ली की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने कहा था कि हत्या में इस्तेमाल हथियार, उनके कपड़ों और अन्य चीजों की बरामदगी के लिए मेजर को मेरठ ले जाने की जरूरत हैॉ।
मजिस्ट्रेट ने कहा, 'अपराध में इस्तेमाल किये गए हथियार (चाकू) को बरामद किया जाना है, अपराध को अंजाम देते समय आरोपी के पहने कपड़ों की बरामदगी होनी है, जिस स्थान से पीड़ित को उठाया गया और जहां अपराध किया गया तथा जिस रास्ते पीड़ित को मौके पर लाया गया, उसे सुनिश्चित किया जाना है, उन व्यक्तियों की पहचान होनी है, जिनसे आरोपी अपराध के बाद मिला था, अपराध में इस्तेमाल हथियार के स्रोत का पता लगाया जाना है, उन स्थानों की पहचान की जानी है जहां आरोपी अपराध करने के बाद दिल्ली से मेरठ के बीच गया था, इन सबके आलोक में मेरी यह सुविचारित राय है कि चार दिन की पुलिस हिरासत उचित है।'