जयपुरः राजस्थान की कई सरकारी परियोजनाओं में कार्यरत Ernst & Young (EY) के कुछ अधिकारियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों के बाद विभागों से औपचारिक जांच की मांग की जा रही है। जिन अधिकारियों के नाम अभ्यावेदनों में शामिल हैं, उनमें सिद्धार्थ दत्ता, अखिलेश सौराखिया और गितेश गुंजन का उल्लेख है।
ये शिकायतें फिलहाल प्रारंभिक स्तर पर हैं और किसी भी आरोप की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। प्राप्त अभ्यावेदनों के अनुसार, मुख्यमंत्री सेवा वितरण परियोजना से जुड़े अधिकारी सिद्धार्थ दत्ता पर गोपनीय सूचनाओं के कथित दुरुपयोग तथा वित्तीय प्रक्रियाओं में अनुचित हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कुछ जानकारियाँ बाहरी पक्षों तक पहुँचाई गईं, हालांकि इन दावों पर अभी तक विभागीय पुष्टि नहीं हुई है। उधर, अखिलेश सौराखिया के संबंध में आरोप हैं कि उन्होंने कथित रूप से सरकारी अधिकारियों के साथ अनधिकृत बातचीत कर परियोजनाओं को प्रभावित करने का प्रयास किया।
कुछ अभ्यावेदन यह भी दावा करते हैं कि उनकी टीम के एक सदस्य द्वारा संस्थानों के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव डाले जाने की शिकायत की गई है। इन सभी दावों की सत्यता जांच के बाद ही स्पष्ट होगी। एक अन्य अभ्यावेदन में, कौशल विकास विभाग से संबंधित अधिकारी गितेश गुंजन पर बोली प्रक्रिया को कथित रूप से प्रभावित करने के आरोप लगाए गए हैं।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि प्रलोभन या प्रोत्साहन जैसे तत्वों के आधार पर निविदा प्रक्रिया में हस्तक्षेप की कोशिश की गई। इस मामले पर भी विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया अब तक सामने नहीं आई है। कई मीडिया संगठनों ने विभागों से इस विषय पर स्पष्टीकरण माँगा है और एक स्वतंत्र व पारदर्शी जांच समिति गठित किए जाने की मांग उठाई है।
विभागीय अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे प्राप्त अभ्यावेदनों की नियमानुसार समीक्षा कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। अब तक EY या संबंधित अधिकारियों ने इन आरोपों पर कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है। मामले पर अगली स्थिति जांच आगे बढ़ने के बाद स्पष्ट होने की संभावना है।