Noida: उत्तर प्रदेश के नोएडा में साइबर अपराधियों ने शेयर बाजार में निवेश पर 30 फीसदी मुनाफे का झांसा देकर सेवानिवृत्त प्रोफेसर से 2.89 करोड़ की ठगी कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक ठगों ने व्हाट्सऐप के जरिए पीड़ित से संपर्क किया और अपने जाल में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस उपायुक्त (साइबर अपराध) प्रीति यादव ने बताया कि सेक्टर-36 में रहने वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर रामकृष्ण शिवपुरी ने पुलिस से शिकायत की है कि एक अप्रैल को उन्हें व्हाट्सऐप पर एक संदेश आया, इसके बाद कॉल आई।
कॉलर ने अपना नाम कीर्ति सर्राफ बताया और खुद को कोलकाता स्थित एबोट वेल्थ मैनेजमेंट कंपनी की फंड मैनेजर बताया। कीर्ति ने सेवानिवृत्त प्रोफेसर को बताया कि उनकी कंपनी शेयर बाजार में निवेश करने वालों को 24 घंटे में 25 से 30 प्रतिशत तक का मुनाफा दिलाती है। इसके बाद दो दिन तक अपनी कथित कंपनी के बारे में बताया और एक व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया।
इसके बाद जालसाजों ने उनसे 21 से अधिक बार में कुल 2.89 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में जमा करा लिए। जब रकम वापस निकालने की कोशिश की तो उन्हें कई कर जमा करने के लिए कहा गया। शुरुआत में कुछ रकम दी गयी लेकिन जब मांग लगातार बढ़ने लगी तब पीड़ित को साइबर ठगी का अहसास हुआ।
फर्जी मोबाइल ऐप के जरिये आईपीओ में निवेश का लालच देकर लोगों के ठगने के आरोप में दो गिरफ्तार
हरियाणा के गुरुग्राम में साइबर पुलिस ने फर्जी मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये आईपीओ में निवेश का लालच देकर लोगों को ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। अधिकारी के मुताबिक, आरोपी शरद कांत मिश्रा (32) और यतिन कुमार (30) को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति ने सात जुलाई को शिकायत दर्ज कराई थी कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे एक फर्जी ऐप के जरिये कंपनियों के आईपीओ में निवेश करने के लिए राजी किया और उसके बैंक खाते से पैसे निकाल लिए। अधिकारी के अनुसार, शिकायत के आधार पर साइबर अपराध (दक्षिण) पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसके बाद आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ लिया गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपियों ने स्वीकार किया कि धोखाधड़ी से अर्जित राशि में से दो लाख रुपये उनसे जुड़ी एक फर्म के बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिए गए। सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर) प्रियांशु दीवान ने कहा, ‘‘बाद में दोनों ने फर्म का बैंक खाता किसी अन्य व्यक्ति को 30,000 रुपये में बेच दिया।’’