जयपुर: अलवर कांड के 4 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन अपराधी पुलिस की गिरफ्त से अभी भी बाहर हैं। वहीं इस बीच यह भी खबर सामने आई है कि मेडिकल जांच में यह पता चला है कि नाबालिग के साथ कोई छेड़छाड़ या जबरदस्ती नहीं हुई है। इस खुलासे ने पुलिस की जांच पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां पुलिस इस मामले को एक रेपकांड मानकर इसकी जांच कर रही थी, वहीं जांच में रेप नहीं होने की पुष्टी हो रही है। इस कांड को लेकर सियासत भी गरमा गई है और राजस्थान से लेकर दिल्ली तक इसकी चर्चा हो रही है। बीजेपी नेताओं ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को घेरा है। मामले में राजनीति गरमाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी बयान सामने आया है जहां वे इस पर अनर्गल बयानबाजी करने से लोगों को मना करते नजर आ रहे हैं।
पुलिस का क्या कहना है
मामले में पुलिस अभी तक इस केस को एक गैंगरेप मान कर चल रही थी और इसी आधार पर वह छानबीन भी कर रही थी। पुलिस ने इलाके के CCTV फुटेज की भी जांच की है ताकि ये पता चल सके कि इस अपराध में कौन कौन और कितने लोग शामिल थे। वहीं राजस्थान सरकार ने इस मामले की जांच के SIT का भी गठन किया है और इसका जिम्मा उसे सौंप दिया है। लेकिन अब पुलिस का यह कहना है मेडिकल बोर्ड की जांच में यह पाया गया है कि नाबालिग के साथ कोई रेप नहीं हुआ है। पुलिस के इस बयान से अब पुलिस के ही जांच पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है।
अलवर केस में सियासत भी गरमाई है
अलवर केस में सियासत के गरमा जाने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अनर्गल बयानबाजी से बचने को कहा है। उन्होंने इस मामले में ट्वीट कर कहा, ‘‘पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट व तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है।
हालांकि पुलिस को अभी यह पता नहीं लगा है कि नाबालिग को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं?’’ मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘‘इस प्रकरण में राजनीतिक दलों द्वारा अनर्गल बयानबाजी नहीं की जानी चाहिए। पुलिस को स्वतंत्र रूप से अनुसंधान शीघ्र पूर्ण करने देना चाहिए। अनुसंधान के नतीजे तक पहुंचने के बाद ही टिप्पणी करना न्यायोचित होगा।’’