पटनाः राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी 2024) के पेपर लीक मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को पटना की विशेष अदालत में छह आरोपियों के खिलाफ दूसरा आरोप पत्र दायर कर दिया। आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता के धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्य गायब होने का कारण) और धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) का जिक्र है। बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने अब तक 48 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 58 जगहों पर तलाशी ली है।
सीबीआई के आरोप पत्र में बलदेव कुमार उर्फ चिंटू, सनी कुमार, डॉ. अहसानुल हक (प्रधानाचार्य, ओएसिस स्कूल, हजारीबाग और हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर), मोहम्मद इम्तियाज आलम (उप-प्रधानाचार्य, ओएसिस स्कूल और केंद्र अधीक्षक) (5) जमालुद्दीन उर्फ जमाल (एक समाचार पत्र, हजारीबाग के रिपोर्टर) और अमन कुमार सिंह शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने इससे पहले 1 अगस्त को 13 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई ने इस मामले में फोरेंसिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी, सीसीटीवी फुटेज और टॉवर लोकेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया है।
पेपर 5 मई 2024 को झारखंड के हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में लीक हुआ था। स्कूल के प्राचार्य डॉ. अहसानुल हक ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा के लिए हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर के तौर पर, उसी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल और नीट-यूजी 2024 परीक्षा के लिए सेंटर सुपरिटेंडेंट मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलकर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर प्रश्नपत्र चोरी करने की साजिश रची थी।
सीबीआई ने इस पेपर लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की भी पहचान कर ली है और आवश्यक कार्रवाई के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के साथ उनका विवरण साझा किया है। बाकी गिरफ्तार आरोपियों के संबंध में जांच और अन्य पहलुओं के संबंध में आगे की जांच जारी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि पटना की एक विशेष अदालत में यह आरोपपत्र दाखिल किया गया।
जिसमें प्राचार्य एहासनुल हक, उपप्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम और चार अन्य को नामजद किया गया है। बृहस्पतिवार को दाखिल अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने अमन कुमार सिंह, बलदेव कुमार, सन्नी कुमार और स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन को भी नामजद किया है। उन्हें धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) और धारा 411 (चोरी की संपत्ति बेईमानी से प्राप्त करना) के तहत आरोपित किया गया है।
इसके अलावा, जांच एजेंसी ने हक और आलम पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाये हैं। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने चिकित्सा संस्थान में प्रवेश के लिए नीट-यूजी (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) 2024 परीक्षा के आयोजन को लेकर हजारीबाग में हक को शहर समन्वयक और आलम को केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया था।
सीबीआई मामले के सिलसिले में 48 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। सीबीआई ने प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की पहचान की है और आवश्यक कार्रवाई के लिए उनका विवरण राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी से साझा किया है। उसने एक अगस्त को 13 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई ने आरोप लगाय है कि कथित साजिशकर्ताओं में से एक पंकज कुमार ने हक और आलम के साथ मिलकर गड़बड़ी की। नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्रों से भरे बक्से पांच मई को विद्यालय में लाये गये और उन्हें सुबह में नियंत्रण कक्ष में रखा गया। सीबीआई का आरोप है कि हक और आलम ने अवैध रूप से कुमार को नियंत्रण कक्ष तक आने-जाने की छूट दी जहां बक्से रखे गये थे।
सीबीआई के अनुसार, पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) और भरतपुर के एक चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की पढाई कर रहे विद्यार्थियों (सॉल्वर्स) के एक समूह ने पांच मई की सुबह हजारीबाग में प्रश्नपत्र को हल किया। एजेंसी ने सात ऐसे कथित सात ‘सॉल्वर्स’ को गिरफ्तार किया और बक्से को खोलने में इस्तेमाल किये गये उपकरण को जब्त किया। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘हल किया गया प्रश्नपत्र कुछ उन चुनिंदा विद्यार्थियों (अभ्यर्थियों) के साथ साझा किया गया जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिये थे।
सभी ‘सॉल्वर्स’ प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के एमबीबीएस के विद्यार्थी हैं और उनकी पहचान कर ली गयी है तथा उनमें से ज्यादातर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन ‘सॉल्वर्स’ को विशेष साजिश के तहत हजारीबाग लाया गया था।’’ कुमार के साथ मिलकर गड़बड़ियां करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान कर ली गयी है और उनमें से कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है।