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नीट-2024 परीक्षा प्रश्नपत्र लीकः 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं, आरोपी संजीव मुखिया को जमानत

By एस पी सिन्हा | Updated: August 2, 2025 20:08 IST

NEET-2024 exam question paper leak: नीट-2024 की परीक्षा 5 मई को देशभर में आयोजित की गई थी। पटना में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद शास्त्री नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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ठळक मुद्देसीबीआई ने अब तक उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत संजीव को जमानत की मंजूरी दी।मुवक्किल को 1 मई 2025 से न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

पटनाः एनटीए द्वारा आयोजित नीट-2024 परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपी संजीव मुखिया को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत में संजीव ने बताया कि वह 90 दिनों से न्यायिक हिरासत में है, लेकिन सीबीआई ने अब तक उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है।

दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत संजीव को जमानत की मंजूरी दी। धारा 167 के तहत आरोपी को 90 दिनों से अधिक न्यायिक हिरासत में रखने के लिए आरोप पत्र दाखिल करना अनिवार्य होता है। संजीव मुखिया के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को 1 मई 2025 से न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

लेकिन सीबीआई ने अब तक उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत का आदेश पारित किया। बता दें कि नीट-2024 की परीक्षा 5 मई को देशभर में आयोजित की गई थी। पटना में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद शास्त्री नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

यह मामला बाद में आर्थिक अपराध इकाई और फिर सीबीआई को 23 जून 2024 को सौंपा गया। जिसने आरसी 224/2024 के तहत जांच शुरू की। अब तक इस मामले में 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और सीबीआई ने 45 के खिलाफ चार पूरक आरोप पत्रों सहित आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

उल्लेखनीय है कि संजीव मुखिया बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में कुख्यात नाम रहा है। वह लंबे समय तक फरार रहने के बाद मई 2025 में गिरफ्तार हुआ था और तब से न्यायिक हिरासत में था। सीबीआई की विशेष अदालत संख्या दो ने 28 अप्रैल 2025 को पेशी वारंट जारी किया था, जिसके बाद उसे 1 मई से जेल भेजा गया। जांच के दौरान इस मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई। जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं जोड़ी गईं।

इससे केस को सीबीआई की विशेष अदालत संख्या-2 में स्थानांतरित कर दिया गया। इस हाई-प्रोफाइल मामले में सीबीआई की जांच अभी भी जारी है, और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। संजीव मुखिया की जमानत को लेकर अब जांच एजेंसी पर चार्जशीट दाखिल करने के लिए दबाव बढ़ गया है।

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