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मेघालय: क्लास में अंग्रेजी नहीं बोलने पर कक्षी 6 के छात्र को पहनाया गया गंदे जूतों का माला, परिवार वालों ने पुलिस से की शिकायत

By आजाद खान | Updated: August 3, 2023 10:03 IST

घटना के सामने आने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री रक्कम ए संगमा ने संबंधित जिले के उपायुक्त और शिक्षा विभाग से इस पर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मिलने के बाद वे इस मामले की जांच करवाएंगे।

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ठळक मुद्देमेघालय में एक स्कूल में छह साल के बच्चे को कड़ी सजा दी गई है। उसे पूरे स्कूल के सामने गंदे जूतों का माला पहनने पर मजबूर किया गया है। ऐसे में बच्चे के परिवार ने पुलिस से इसकी शिकायत की है।

शिलांग:  मेघालय में एक छात्र को क्लास में अंग्रेजी नहीं बोलने के कारण उसे कड़ी सजा दी गई है। स्कूल द्वारा कक्षा छह के छात्र को गंदे जूते का माला पहनने के लिए मजबूर किया गया है। यही नहीं उसे पूरे क्लास, टीचर्स और स्कूल के सामने अपमानित भी किया गया है। 

ऐसे में स्कूल द्वारा अपने बच्चे पर अत्याचार के खिलाफ पुलिस से इसकी शिकायत भी की गई है। मामले में कार्रवाई करते हुए शिक्षा मंत्री ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि वह मामले की जांच करेंगे।

क्या है पूरा मामला

मेघालय के एक स्कूल के हेड मास्टर पर यह आरोप है कि उसने कथित तौर पर एक छात्र को गंदे जूतों का माला पहनने के लिए मजबूर किया है और अन्य छात्र और टीचर्स के सामने उसकी परेड कराई है। ऐसे में बच्चे के माता-पिता ने पुलिस और ग्राम प्रधान से इसकी शिकायत की है। 

एक अन्य शिकायक में ग्राम प्रधान द्वारा यह भी दावा किया गया है कि स्कूल द्वारा बच्चों को कई और सजा दी गई है जो बच्चों के लिए सही नहीं थी। उनके अनुसार, स्कूल में कूड़ेदान चाटने, शारीरिक दंड और बाल काटने जैसे कई अमानवीय दंड दिए गए हैं।

शिक्षा मंत्री ने घटना को बताया "दुर्भाग्यपूर्ण" 

ऐसे में घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री रक्कम ए संगमा ने संबंधित जिले के उपायुक्त और शिक्षा विभाग से इस पर रिपोर्ट मांगी है। यही नहीं उन्होंने घटना को "दुर्भाग्यपूर्ण" बताते हुए कहा है कि वह जिला मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मिलने के बाद मामले की जांच करेंगे। 

बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी भारतीय भाषाओं को राष्ट्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देती है। एनईपी 2020 आलोचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा देने में मातृभाषा के सकारात्मक प्रभाव को मान्यता देता है। गौर करने वाली बात यह है कि खासी, गारो और जयन्तिया मेघालय में बोली और संचारित की जाने वाली प्रमुख भाषाएं हैं।​ 

 

टॅग्स :क्राइममेघालयPolice
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