Transgender Conflict Case: किन्नरों के बीच हुए विवाद और उसके बाद 24 किन्नरों द्वारा सामूहिक आत्महत्या के प्रयास से जुड़े मामले में इंदौर पुलिस को अहम सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस सनसनीखेज प्रकरण के फरार मुख्य आरोपियों में से एक — राजा हाशमी को रविवार को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया।डीसीपी जोन-4 आनंद कलादगी के अनुसार, राजा हाशमी (39) निवासी अंबेडकर नगर, जबलपुर, पर 10,000 रुपए का इनाम घोषित था। वह जबलपुर का हिस्ट्रीशीटर है और इंदौर पुलिस के लिए पिछले एक सप्ताह से चुनौती बना हुआ था। पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर बगासपुर गांव से उसे घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। उस समय वह अपने बहनोई शानू के घर छिपा हुआ था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, घटना के बाद राजा हाशमी ने कई बार अपना ठिकाना बदला और मोबाइल भी बंद रखे। इंदौर से लेकर होशंगाबाद, जबलपुर और नरसिंहपुर तक पुलिस टीम उसकी तलाश कर रही थी। रविवार को उसे दबोचने के बाद पुलिस ने इंदौर लाकर पूछताछ की, जिसमें उसने फिनाइल कांड में शामिल होने की बात स्वीकार की। बाद में उसे विधिवत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
यह मामला 20 अक्टूबर की सुबह पंढरीनाथ थाना क्षेत्र के नंदलालपुरा इलाके में किन्नरों के दो गुटों के बीच पुराने विवाद से जुड़ा है। आर्थिक और क्षेत्रीय वर्चस्व को लेकर दोनों पक्षों में लंबे समय से तनाव था। विवाद बढ़ने पर एक पक्ष से जुड़े 24 किन्नरों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था। सभी को गंभीर हालत में एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।घटना के बाद पीड़िता किन्नर सोना की शिकायत पर पुलिस ने किन्नर गुरू सपना हाजी, राजा हाशमी, कथित पत्रकार अक्षय कुमायूं, और व्यापारी पंकज जैन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था।
सपना हाजी को बीते सप्ताह ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अक्षय और पंकज अभी फरार है।राजा हाशमी का पुलिस रिकॉर्ड काफी लंबा है। इंदौर के सदर बाजार, आजाद नगर और राजेंद्र नगर थानों के अलावा जबलपुर में भी उसके खिलाफ मारपीट, अड़ीबाजी और हत्या की धमकी जैसे कुल सात आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है।
इंदौर पुलिस अब दो अन्य इनामी आरोपियों, अक्षय कुमायूं और पंकज जैन, की गिरफ्तारी के लिए टीमों को सक्रिय कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि दोनों आरोपी राजस्थान और उत्तर प्रदेश की ओर भागे होने की आशंका है। पुलिस ने साइबर सेल की मदद से लोकेशन ट्रैकिंग शुरू की है।डीसीपी आनंद कलादगी ने बताया कि यह केस शहर के आपराधिक नेटवर्क और सामाजिक समूहों के भीतर चल रहे वर्चस्व संघर्ष से जुड़ा है, जिसे लेकर जांच के दायरे को और बढ़ाया गया है।