लखनऊ, 13 जून: उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने एक महिला ने अपने पति के साथ आत्मदाह करने की कोशिश की। महिला ने समाजवादी पार्ट के कार्यकर्ता पर बलात्कार का आरोप लगाया है। महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी के साथ साल 2015 में रेप हुआ था जिस पर अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उन्हें केस को वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। इसके साथ ही उसने अनुरोध किया कि आरोपी को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार किया जाए।
उत्तर प्रदेश में ऐसा मामला पहली बार सामने नहीं आया। इससे पहले 8 अप्रैल को एक किशोरी ने विधायक पर दुष्कर्म और विधायक के दबाव में पुलिस की ओर से रिपोर्ट न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास पर परिवार सहित आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसके बाद सीबीआई जांच के आदेश दिए और विधायक पर पाक्सो ऐक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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इसके बाद विधायक समर्थकों पर डीएम से शिकायत के बाद केस दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने विधायक के भाई पर कोई केस नहीं किया और पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया था। जेल में चार दिन बाद पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई जिसके बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत चार आरोपी गिरफ्तार किए गए। पीड़िता के पिता के पोस्टमार्टम के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई। लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवाले निलंबित किए गए, जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। उन्नाव गैंगरेप की जाँच के लिए गठित एसआईटी ने रिपोर्ट दी।
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एसआईटी ने पीड़िता के परिवार पर दबाव और उसके पिता की हवालात में मौत में लापरवाही की बात की।बाद में जाके बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी। विधायक के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही पोस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्वतःसंज्ञान लेकर मामले की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस को जवाब तलब किया है।