पटनाः बिहार में सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत के लालबंदी जानकी नगर में भारत-नेपाल सीमा पर आज नेपाली पुलिस ने पांच भारतीयों को गोली मार दी, जिसमें विकेश कुमार (25 वर्ष) नाम के युवक की मौत हो गई.
इस दौरान नेपाल पुलिस ने ताबड़तोड़ फायरिंग की है. वहीं चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. तीन अन्य जख्मी लोगों को पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा एक जख्मी युवक को नेपाल पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेत में काम रहे लोगों पर नेपाल की सशस्त्र पुलिस ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें जानकी नगर टोले लालबंदी निवासी नागेश्वर राय के 25 वर्षीय पुत्र विकेश कुमार की मौत हो गई. जबकि, विनोद राम के पुत्र उमेश राम को दाहिने बांह में तो सहोरबा निवासी बिंदेश्वर ठाकुर के पुत्र उदय ठाकुर को दायें जांघ में गोली लगी है.
यह घटना उस वक्त की है जब पिपरा परसाइन पंचायत के लालबंदी जानकी नगर सीमा पर कई लोग खेत में काम कर रहे थे. तभी अचनाक नेपाल की सशस्त्र पुलिस ने उन पर फायरिंग कर दी. नेपाल प्रहरी ने आरोप लगाया है कि हथियार छीनने की कोशिश के दौरान गोली मारी है. फिलहाल एसएसबी पूरे मामले की छानबीन कर रही है.
वहीं, नेपाली पुलिस ने गांव के वशिष्ठ राय के पुत्र लगन राय को अपने कब्जे में ले रखा है. घायलों को इलाज के लिए सीतामढी रेफर किया गया है. फिलहाल सीमा पर दोनों देश की पुलिस तैनात है. हालत तनावपूर्ण बनी हुई है.
मृतक के पिता नागेश्वर राय ने बताया कि हमारी जमीन नेपाल में नारायणपुर में स्थित है. उसी जमीन पर खेत में मेरा पुत्र काम कर रहा था. अचानक नेपाली पुलिस ने गोलियां चला दी. वहीं, बताया जा रहा है कि भारत-नेपाल सीमा पर विवाद हुआ था जिसके बाद नेपाल पुलिस की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई.
यहां बता दें कि कोरोना संक्रमण और लॉक डउन की वजह से भारत-नेपाल सीमा सील है. इस दौरान भी भारतीय लोग भारत नेपाल सीमा में जा रहे थे. जिस पर नेपाल पुलिस के जवान ने नेपाल सीमा में जाने से भारतीय नागरिक को रोका इस पर विवाद उत्पन्न हो गया.
हालांकि भारत और नेपाल के बीच फिलहाल नक्शा को लेकर तनातनी चल रही है. नेपाल के नए नक्शे में कालापानी और लिपुलेख को शामिल किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी विवाद पर बातचीत को लेकर संशय हो गया है. इस नए नक्शे में नेपाल ने कुल 395 वर्गकिलोमीटर के इलाके को अपने हिस्से में दिखाया है. इसमें लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के अलावा गुंजी, नाभी और काटी गांव भी शामिल हैं. इसके बाद से नेपाली पुलिस का भी रुख बदला हुआ है.