कराचीः पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी का विवादों से पुराना रिश्ता है। विवाद में रहना पसंद करते हैं। एक बार फिर शाहिद चर्चा में हैं। इस बार पाक के पूर्व कप्तान ने तालिबान की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। ये बयान नहीं अफगानियों दिल में चुभने वाला तीर है।
शाहिद अफरीदी ने मंगलवार को अफगानिस्तान के नए शासन तालिबान की प्रशंसा करते हुए कहा कि आतंकवादी संगठन युद्धग्रस्त राष्ट्र में पॉजिटिव फ्रेम माइंड के साथ आया है। वे क्रिकेट से प्यार करते हैं। वे महिलाओं को काम करने दे रहे हैं और मेरा मानना है कि तालिबान को क्रिकेट बहुत पसंद है।
शाहिद अफरीदी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। पाकिस्तानी पत्रकार नाइला इनायत ने वीडियो शेयर किया है। लिखा है कि उन्हें तालिबान का अगला पीएम होना चाहिए। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई पत्रकार और लेखक तारेक फतेह ने लिखा है कि देखिए पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी काबुल में आतंकी तालिबान शासन का बचाव कर रहे हैं।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तालिबान द्वारा काबुल पर नियंत्रण किए जाने का समर्थन करते हुए दिखे और उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान ने ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ दिया है। अफगानिस्तान में लंबे समय से चला आ रहा संघर्ष रविवार को उस समय चरम पर पहुंच गया जब तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया और राष्ट्रपति के महल पर कब्जा कर लिया।
इमरान ने यह टिप्पणी कक्षा एक से पांच तक एकल राष्ट्रीय पाठ्यक्रम (एसएनसी) के पहले चरण की शुरुआत के लिए आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए की। यह उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के घोषणापत्र का हिस्सा भी था।
इमरान ने बताया कि किस प्रकार समानांतर शिक्षा प्रणाली से "अंग्रेजी माध्यम" स्कूलों का जन्म हुआ, जिसके बाद पाकिस्तान में "किसी और की संस्कृति" को अपनाया गया। उन्होंने कहा, "जब आप किसी की संस्कृति अपनाते हैं तो आप इसे श्रेष्ठ मानते हैं और आप इसके दास बन जाते हैं।’’
उन्होंने कहा कि इससे मानसिक गुलामी की ऐसी प्रणाली तैयार होती है जो वास्तविक गुलामी से भी बदतर है। उन्होंने परोक्ष रूप से अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की तुलना देश के लोगों द्वारा ‘गुलामी की जंजीरों’ को तोड़ने से की।