एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा की है। यूपी प्रशासन ने बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर बीते दिन एफआईआर दर्ज करवाया था। पुलिस ने स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ साजिश करने के तहत एफआईआर दर्ज किया है।
एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट शेखर गुप्ता, जनरल सेक्रटरी एके. भट्टाचार्य और ट्रेजरार शीला भट्ट ने एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक खुला पत्र जारी किया है। पत्र में उन्होंने पत्रकार पर एफआईआर दर्ज होने को निंदनीय और क्रूर बताया है। पत्र में यह भी लिखा है कि ये लोकतांत्रिक समाज में निर्भीक पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।
पत्र में एडिटर्स गिल्ड ने कहा, ये एक बहुत ही संजीदा मामला था और पत्रकार ने इसको उजागर करके सराहनीय काम किया है।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज के पीछे क्या तर्क दिया है?
पुलिस का आरोप है कि पत्रकार पवन जायसवाल ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन नमक-रोटी का खाने वीडियो बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B, 186, 193 और 420 के तहत केस दर्ज किया है।
जानें क्या है पूरा मामला
पिछले महीने मिर्जापुर के सीयुर प्राइमरी स्कूल में बच्चों के नमक-रोटी खाते हुए एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो को एक पत्रकार के द्वारा शूट किया गया। वीडियो वायरल होने के बाद यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद स्कूल के शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी समेत कई पर गाज गिरी थी।
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बच्चों को नमक-रोटी बांटने की घटना मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक के सियूर प्राथमिक स्कूल में हुई। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे जमीन पर बैठकर रोटी नमक खाते हुये दिख रहे हैं। उनके हाथों में रोटी है और थाली में सिर्फ नमक। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इस स्कूल में ज्यादातर दिन बच्चों को या तो रोटी नमक दिया जाता है या फिर नमक चावल।