कानपुर: उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर के जनपद के बर्रा थाना क्षेत्र से 28 वर्षीय लैब टेक्नीशियन संजीव यादव (Sanjeet Yadav) की किडनैपिंग और मर्डर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने गुरुवार (23 जुलाई) को बताया कि संजीव यादव को 22 जून को किडनैप किया गया और पुलिस के मुताबिक किडनैपर्स ने 27 जून की सुबह गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। संजीव यादव के परिवार वालों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के कहने पर उन्होंने आरोपियों को 30 लाख की फिरौती दी थी।
कानपुर आईजी (IG) मोहित अग्रवाल ने 30 लाख रुपये की फिरौती की रकम देने पर कहा है कि अभी तक की जांच में हमे पाया है कि किडनैपर्स को पैसे नहीं दिए गए थे। लेकिन क्योंकि परिवार वाले पैसा देने का आरोप लगा रहे हैं इसलिए जांच होगी। अगर पैसा दिया गया है तो वो इनसे बरामद किया जाएगा।
संजीव यादव के पिता ने कहा- पुलिस की मौजूदगी 30 लाख रुपये से भरा बैग रेल पटरी पर फेंका था
संजीव यादव के परिवार वालों का आरोप है कि किडनैपर्स ने पिता चमन सिंह यादव को मोबाइल फोन पर कॉल कर 30 लाख रुपये फिरौती मांगी थी। परिवार वाले मीडिया के सामने आये और बताया कि उन्होंने 30 लाख रुपये से भरा बैग पुलिस की मौजूदगी में एक फ्लाईओवर से रेल पटरी पर फेंका था। उन्होंने वही किया जो किडनैपर्स और पुलिस ने उनसे कहा।
संजीव यादव के घर वालों द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती अपहर्ताओं को देने की खबर मीडिया में आने के बाद एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने कहा था कि वह मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान ले रहे हैं, जिनमें 30 लाख रूपये की फिरौती देने की बात सामने आयी है। उन्होंने कहा कि वह पीड़ित परिवार से बात भी कर रहे हैं और कोई गलत पाया गया तो उसे दंडित किया जाएगा। उस समय एसएसपी ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया था कि संजील यादव की सुरक्षित वापसी करायी जाएगी।
पुलिस ने कहा- संजीव यादव को उसके दोस्तों ने ही किडनैप कर की हत्या
कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि अपराध और निगरान शाखा सहित कई पुलिस दल आगे गिरफ्तारियों और टेक्नीशियन के शव को बरामद करने के लिए लगाये गए हैं। एसएसपी ने बताया कि टेक्नीशियन की मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन का भी पता लगाने की कोशिश हो रही है जो उसके अपहरण के बाद से ही गायब हैं। उन्होंने बताया कि कई संदिग्ध लोग इस सिलसिले में गिरफ्तार किये गये और उनसे विस्तृत पूछताछ की गयी। इनमें से दो ने अपराध करना स्वीकार किया। प्रभु ने बताया, आरोपियों ने खुलासा किया कि संजीव यादव का उन्होंने अपहरण किया था। वे यादव के साथ पहले किसी अन्य पैथलॉजी में कार्य करते थे उनके दोस्त थे। उन्होंने यादव को 26 या 27 जून को मार दिया और यादव को शव को पांडु नदी में फेंक दिया था।
एसएसपी ने बताया कि 22 जून को बर्रा निवासी संजील यादव का अपहरण किया गया था। उसके परिवार वालों ने 23 जून को बर्रा थाने में संजीव यादव के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। तीन दिन बाद मामले में अपहरण की धाराएं जोड़ी गयीं।
मामले में 5 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
कानपुर IG मोहित अग्रवाल ने कहा, 22 जून को संजीव यादव का अपहरण किया गया था। कल (23 जुलाई) पुलिस ने मामले में 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, इसका मास्टर माइंड ज्ञानेंद्र यादव है। 26 जून की रात को जब संजीव ने भागने की कोशिश की तो इन्होंने उसे मारने का फैसला किया और 27 जून की सुबह गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
कानपुर IG मोहित अग्रवाल ने कहा, उसके (संजीव यादव) बाद शव को नहर में फेंक दिया गया। हत्या के बाद 29 जून को इन लोगों ने संजीव के परिजनों से फिरौती की मांग की, पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन किसी कारण से ऑपरेशन फेल हो गया, इसमें लापरवाही के लिए बर्रा के SHO को निलंबित किया गया है।