लखनऊः उत्तर प्रदेश में अवैध धर्मांतरण कराने के आरोप में एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किए गए जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके आठ साथियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपना शिकंजा कस दिया है. एटीएस और ईडी को अब तक की जांच में छांगुर बाबा और उसके साथियों द्वारा अवैध धर्मांतरण के जरिए 100 करोड़ रुपए जुटाने तथा भगोड़े जाकिर नाइक से संपर्क होने के लिंक मिले हैं. इसके साथ ही ईडी को छांगुर बाबा के साथी नवीन रोहरा द्वारा दुबई और पनामा में बनाई गई कई शेल कंपनियों की जानकारी हाथ लगी है.
इन कंपनियों के जरिए छांगुर बाबा और उसके साथियों के खातों में बेहिसाब पैसा भेजा गया. जिसका इस्तेमाल अवैध धर्मांतरण कराने, बलरामपुर से लेकर मुंबई तक में जमीन/फ्लैट खरीदें और छांगुर बाबा से सांठगांठ रखने वाले प्रशासनिक तथा राजस्व कर्मियों को अपने साथ करने में किया गया. फिलहाल बाबा के दो सहयोगियों की तलाश में एटीएस की टीम मुंबई और यूपी में छापेमारी कर रही है.
बाबा के खिलाफ सबूत खोजने में जुटे अफसर
ऐसी की कार्रवाई के चलते बलरामपुर में छांगुर बाबा के एक सहयोगी जनपद न्यायालय में सीजेएम कोर्ट में पेशकार रहे राजेश उपाध्याय को एटीएस ने रविवार को गिरफ्तार किया है. इस व्यक्ति से हुई पूछताछ में बलरामपुर जिले में छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों द्वारा खरीदी गई ज़मीनों के दस्तावेज़ एटीएस के हाथ लगें है.
यह भी पता चला है कि बलरामपुर में तैनात दो क्षेत्राधिकारी, दो इंस्पेक्टर तथा एक उप-जिलाधिकारी (एडीएम) की मदद से छांगुर बाबा ने अपने विरोधियों को धमकाया था. एटीएस के अधिकारी जल्दी ही छांगुर बाबा के संपर्क में रहने वाले इस अधिकारियों से पूछताछ करेंगे.
वही दूसरी तरफ ईडी के अफसर यह पता लगाने में जुटे हैं कि विदेश से प्राप्त रकम का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और अन्य जगहों पर अवैध धर्मांतरण करने में किस-किस तरह से किया गया है. इसके सबूत जुटाकर ईडी छांगुर बाबा और उसके साथियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिग एक्ट के तहत केस दर्ज कर कई अन्य लोगों को गिरफ्तार करेगी.
छांगुर बाबा और उसके साथियों को लेकर अब तक हुई जांच को लेकर एडीजी अमिताभ यश का कहना है कि अवैध धर्मांतरण को लेकर राज्य में पकड़े गए दो मामलों में अलग-अलग हैं. दोनों की मामलों की जांच अलग-अलग हो रही है. अब तक की जांच में अवैध धर्मांतरण कराने में जुटे गिरोह के तार भगोड़े इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर अब्दुल करीम नाइक से भी जुड़े मिले हैं.
जाकिर नाइक से जुड़ी कई कंपनियां अवैध धर्मांतरण कराने वाले गिरोह को विदेश से फंडिंग कर रही हैं. उम्मीद है कि ईडी जल्द ही इस मामले में जांच शुरू करेंगा. उन्होने यह भी बताया, अवैध धर्मांतरण कराने वालों को विदेशी फंडिंग दिलाने में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ सदस्यों की अहम भूमिका रही है.
इसके भी सबूत हाथ लगेंगे. छांगुर बाबा को विदेशी संस्थाओं से कुछ कितनी फंडिंग मिली है? इसका पता लगाया जा रहा है. एटीएस के अफसरों के अनुसार, छांगुर बाबा और उसके करीबी साथियों को लेकर कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. पता चला है कि बाबा के एक सहयोगी नवीन रोहरा और नीतू नवीन रोहरा की दुबई और पनामा में कई शेल कंपनियां बनाई थी.
इन कंपनियों का इस्तेमाल करोड़ों की अवैध कमाई को छिपाने और उसके असली मालिक का पता छुपाने के लिए किया गया है. रोहरा दंपति की कई संदिग्ध प्रॉपर्टी डील्स से जुड़े दस्तावेज जांच में हाथ लगे हैं. इन दस्तावेजों के आधार पर ही बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में बाबा ताजुद्दीन आशवी बुटीक पर छापेमारी की है.
जहां से पनामा में रजिस्टर्ड एक विदेशी कंपनी, लोगोस् मरीन, एस.ए. के दस्तावेज एटीएस को मिले. ईडी के अफसरों को संदेह है कि लोगोस् मरीन, एस.ए. का इस्तेमाल अवैध धार्मिक धर्मांतरण अभियानों से हासिल बेहिसाब पैसे को घुमाने या जमा करने के लिए किया गया. फिलहाल इस मामले की गहन जांच ही जा रही है.
बाबा का बेहद खास साथी है नवीन
एटीएस के अफसरों के अनुसार, छांगुर बाबा की किस्मत दुबई में रहने वाले नवीन रोहरा के संपर्क में आने के बाद बदली. बलरामपुर के रहने वालों का कहना है, 15 साल पहले तक छांगुर बाबा मुंबई में हाजी अली की दरगाह के रास्ते में नग आदि बेचा करता था. तभी उसकी मुलाक़ात नवीन रोहरा और उसकी पत्नी से हुई.
छांगुर बाबा ने इस दंपति को एक नग दिया और कहा कि उसकी बीमार बेटी ठीक हो जाएगी. ऐसा ही हुआ. इसी के बाद नवीन छांगुर बाबा का मुरीद ही गया. फिर नवीन छांगुर बाबा को दुबई ले गया. वह छांगुर बाबा के कहने पर नवीन रोहरा ने परिवार सहित वर्ष 2015 में दुबई में इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिए. इसके बाद नवीन रोहरा ने बलरामपुर में छांगुर बाबा का मकान बनवाने के लिए धन दिया.
इसके बाद बलरामपुर के थाना उतरौला क्षेत्र के ग्राम मधपुर में कई संपत्तियाँ बाबा और उसके साथियों के नाम पर खरीदी गई. इसके लिए नवीन ने ही विदेशी फंडिंग से करोड़ों रुपए उपलब्ध कराए. इस रकम से ही बलरामपुर के संपत्तियां खरीदी गई, शोरूम और आलीशान घर बनाया गया.
कई गाड़ियां भी खरीदी है. फिलहाल नवीन के संपर्क में आने के बाद छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों ने कितनी संपत्तियां खरीदी और बनाई हैं? इसका ब्यौरा राजस्व अफसरों के साथ मिलकर एटीएस के अफसर जुटा रहे हैं.