Delhi Police Court: वर्ष 2017 में अपनी नाबालिग भतीजी का अपहरण करने और उससे बार-बार बलात्कार करने के दोषी व्यक्ति को यहां की एक अदालत ने 12 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा कि जब परिवार में एक ‘दरिंदा’ हो तो बच्चों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर उस व्यक्ति के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे जिसे बलात्कार, अपहरण और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध का दोषी ठहराया गया था।
अदालत ने पाया कि घटना की अवधि के दौरान (पांच जनवरी 2017 से 10 जनवरी 2017 तक) पीड़िता की उम्र लगभग 16-17 वर्ष थी, जबकि दोषी व्यक्ति पहले से शादीशुदा था। अदालत ने पांच जून को पारित एक आदेश में कहा, ‘‘दोषी रिश्ते में पीड़िता का चाचा है।
बच्चों के लिए घर को दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह माना जाता है। संयुक्त परिवार के लोगों को सबसे भरोसेमंद व्यक्ति माना जाता है... जब ‘दरिंदा’ परिवार में हो तो रक्षा कौन करेगा?’’ अदालत ने पीड़िता को 10.5 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया।