पटना: नीट पेपर लीक मामले की जांच की जिम्मेदारी संभालते ही सीबीआई ने जांच की गति को तेज कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली से सीबीआई की एक और टीम पटना पहुंची और बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के कार्यालय में अधिकारियों से बातचीत की। पटना पहुंची सीबीआई की टीम ने सीबीआई कार्यालय में पटना एसएसपी और ईओयू एडीजी के साथ बैठक की। जहां मामले से जुड़े अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई। इसके बाद सीबीआई की चार सदस्यीय टीम कुछ दस्तावेज लेकर ईओयू कार्यालय पहुंची।
जानकारी के अनुसार परीक्षा माफियाओं और साइबर अपराधियों ने साथ मिलकर नीट पेपर लीक कांड को अंजाम दिया था। दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही ईओयू की टीम ने इस मामले में साइबर क्राइम का एक नया मामला दर्ज किया है। इस केस में झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किए गए राजीव कुमार परमजीत सिंह और पंकज कुमार के अलावा शेखपुरा के रंजन कुमार के खिलाफ इओयू में केस दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में इस बात का जिक्र है कि कैसे यह साइबर गैंग सक्रिय था और नीट पेपर लीक कांड में सहयोग दे रहा था।
ईओयू की मानें तो यह साइबर गैंग ने ही नीट पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के शागिर्दों को फर्जी तरीके से मोबाइल और सिम कार्ड उपलब्ध कराया था। इन्हीं के दिये गए मोबाइल और सिम कार्ड पर प्रश्न पत्र और आंसर शीट आया था। गैंग के सरगना रंजन की गिरफ्तारी के लिए इओयू लगातार एक्शन में है और शेखपुरा पुलिस का सहयोग लिया जा रहा है।
वहीं, पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया ने सारे कांड को पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया था। 5 मई को नीट परीक्षा के दिन से ही संजीव मुखिया गायब हो गया था। वह नालंदा के उद्यान महाविद्यालय का कर्मचारी है, लेकिन नीट परीक्षा के दिन से ही ड्यूटी से गायब है। इस बीच उसने अपने कॉलेज में मेडिकल सर्टिफिकेट भी भेजा। उसका हर एक्शन बता रहा है कि संजीव मुखिया ने न सिर्फ पेपर लीक बल्कि उसके बाद के सारी गतिविधियों की तैयारी पहले से कर रखी थी।
बताया जाता है कि ईओयू ने सीबीआई को जो जांच रिपोर्ट सौंपी है उसमें नीट पेपर लीक मामले में शामिल आरोपियों, पेपर लीक के तरीके, पैसों के लेन-देन, आरोपियों के पिछले रिकॉर्ड, आपराधिक इतिहास का ब्योरा शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, ईओयू द्वारा अब तक जुटाए गए सबूतों में एक घर से बरामद जले हुए प्रश्न पत्र के टुकड़े, गिरफ्तार लोगों के मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पोस्ट डेटेड चेक और एनटीए से मिले रेफरेंस प्रश्न पत्र शामिल हैं।
सूत्र बताते हैं कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, सीबीआई पेपर लीक मामले में पैसे के लेनदेन के तरीके, नकदी, सोना या चेक के साथ-साथ बिचौलियों के कमीशन समेत अन्य मामलों की भी जांच करेगी। साथ ही सभी आरोपियों से एक-एक कर पूछताछ भी की जाएगी।