पटनाः बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड के बनारपुर में दिखा पुलिस का आमानवीय चेहरा देखने को मिला। यहां घर में घुसकर पुलिस ने 12 बजे रात में सो रहे किसानों पर लाठियां बरसाई है। जिसके बाद इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा जमकर हंगामा मचाया जा रहा है। उग्र भीड़ द्वारा पुलिस की गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
बक्सर जिले के चौसा में थर्मल पावर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे किसान उग्र हो गए हैं। पुलिस की पिटाई के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए। नाराज किसानों ने पुलिस पर भी हमला किया। हमले में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने कुछ किसानों को हिरासत में लिया है।
दरअसल, किसान चौसा के पास बन रहे थर्मल पावर प्लांट से जुड़ी जलापूर्ति पाइप लाइन और रेलवे लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण के मसले पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले 85 दिन किसान धरना पर बैठे हैं। विरोध में किसानों ने निर्माणाधीन बिजलीघर के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया था। इसका तब तो प्रशासन ने कोई विरोध नहीं किया, लेकिन रात होते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल प्रभावित गांवों में पहुंच गया।
किसानों पर आधी रात को जमकर लाठियां बरसाई गई। हद तो तब हो गई, जब उन किसानों को बचाने पहुंची महिलाओं और बच्चों को भी पुलिसवालों ने नहीं छोड़ा। किसानों पर पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पुलिस कैसे उन पर लाठियां बरसा रही है।
वहीं आधी रात को हुए इस कार्रवाई के बाद से ही आज सुबह किसान भी उग्र हो गए और पुलिस के एक बस को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने हवाई फायरिंग करके भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। पूरा इलाका पुलिस छावनी बना हुआ है। दोनों तरफ से बीच-बीच में पत्थरबाजी भी हुई है।
ग्रामीण हटने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों का दावा है कि पुलिस आधी रात के बाद बनारपुर और अन्य प्रभावित गांवों के किसानों के घर पहुंची। इस दौरान पुलिसवालों ने जबर्दस्ती घरों में दाखिल होकर किसानों की पिटाई की। ग्रामीणों का आरोप है कि इस दौरान महिलाओं और बच्चों को भी पुलिस ने नहीं छोड़ा।पुलिस की लाठी की मार से पूरे घर में चीख पुकार मच गई।