पटनाः बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने फर्जी बैंक खातों की पहचान कर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने साइबर थानाध्यक्षों से मामले को गंभीरता से दर्ज करने, साइबर अपराधियों के मोडस ऑपरेंडी की सूची बनाने और साइबर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया ताकि साइबर अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
डीजीपी ने सभी जिलों के पुलिस कप्तान को साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। डीजीपी की अध्यक्षता में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के सभा कक्ष में सभी साइबर थानों के पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष के साथ समीक्षा बैठक की गई।
इस बैठक में ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान के साथ कई वरीय पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। डीजीपी ने साइबर थानाध्यक्षों को निर्देश दिया कि हर हाल में साइबर अपराध से संबंधित मामलों को गंभीरता से दर्ज किया जाए। साइबर अपराधियों के मोडस ऑपरेंडी की सूची बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
वैसे संदिग्ध बैंक खाते जिसमें लगातार भारी मात्रा में पैसे का लेन-देन हो रहा है, उनका सत्यापन कर कार्रवाई की जाए। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि साइबर मामलों के अनुसंधान में तेजी लाई जाए और लंबित मामलों का बोझ कम किया जाए। साइबर जागरूकता अभियान नियमित रूप से चलाया जाए। डिजिटल अरेस्ट, चारधाम यात्रा में बुकिंग के नाम पर साइबर ठगी के ट्रेंड जैसे अन्य सभी साइबर अपराधों में कार्रवाई कर ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जाए। थाने पर साइबर अपराध की हर सूचना पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
समीक्षा बैठक में डीजीपी और एडीजी ने निर्देश दिया कि एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायतों की तुलना में हाथों हाथ मिले आवेदन पर हुई प्राथमिकी की जांच साइबर थानों में की जाए। वरीय अधिकारी लगातार साइबर थानों के कार्यों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरीक्षण करें।