पटनाःबिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम की समीक्षा में सामने आया है कि लगभग 60,722 अभ्यर्थियों में से 55,000 से ज्यादा छात्र शिक्षा ऋण लेने के बाद लापता हो गए हैं। ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने ना तो लोन की एक भी किस्त चुकाई, न ही शपथ पत्र सौंपा और अब ना घर के हैं न घाट के। दरअसल, 60,722 अभ्यर्थियों को नीलाम पत्र वाद दायर करने का आदेश दिया गया था। इनमें से 5,737 ने शपथपत्र जमा किया या ऋण की किश्तों का भुगतान शुरू किया, लेकिन शेष अभ्यर्थी न तो शपथपत्र दे रहे हैं और न ही ऋण चुका रहे हैं। इनमें से सबसे अधिक डिफॉल्टर पटना और समस्तीपुर में हैं।
अब इन जगहों पर नीलाम पत्र वाद दायर करने और नोटिस भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। पटना में 4374 पर लोन रिकवरी का आदेश,पर सिर्फ 1733 पर मुकदमा दायर,2641 में से 2523 पर अब तक न नोटिस, न वाद। समस्तीपुर में 2498 की सूची,1358 पर केस, 540 को नोटिस, 804 अभी भी खुला मामला!
27,258 पर नीलाम वाद दाखिल,27,277 अभ्यर्थियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं, कई छात्रों के पते फर्जी, मोबाइल नंबर बंद, और दस्तावेजों की जांच में अनियमितता। गया में 429, दरभंगा में 524 अभ्यर्थियों ने या तो किस्त अदा की या शपथ पत्र दाखिल किया।आशंका है कि कई छात्रों ने एजेंटों और कोचिंग माफिया की मदद से फर्जी दाख़िला और फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों से लोन स्वीकृत करवाया।
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बीनेन्द्र कुमार ने आदेश दिया है कि बाकी बचे अभ्यर्थियों पर तत्काल वाद दायर हो,नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाए और 18 जुलाई तक की स्थिति पर गहन समीक्षा जारी रहेगी। पटना में 4,374 अभ्यर्थियों पर नीलाम पत्र वाद दायर करने का आदेश मिला, जिसमें 1,733 पर वाद दायर हो चुका है।
118 अभ्यर्थियों ने शपथ पत्र दिया या किश्त भुगतान किया। 2,523 अभ्यर्थियों पर अभी न तो वाद दायर हुआ और न ही नोटिस भेजा गया है। वहीं, समस्तीपुर जिले में 2,498 अभ्यर्थियों की सूची मिली, जिसमें से 1,358 पर वाद और 540 को नोटिस भेजा गया है। 336 ने शपथपत्र या किश्त भुगतान किया है, जबकि 804 पर वाद दायर करना अभी बाकी है।
जबकि मुजफ्फरपुर जिले में 1,928 में से 760 पर वाद दायर हुआ है और 680 को नोटिस भेजा गया है। गया जिले में 2,494 में से 582 पर वाद दायर हुआ है, 143 को नोटिस भेजा गया है और 429 ने शपथ पत्र या किश्त का भुगतान किया है। गया में अभ्यर्थी शपथ पत्र और भुगतान में सबसे आगे हैं।
इसी तरह दरभंगा जिले में 1,459 में से 524 ने शपथपत्र या भुगतान किया है, जबकि 355 पर वाद दायर होना अभी बाकी है। बता दें कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना 2016 में शुरू की गई थी। जिसके तहत बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अधिकतम 4 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
इसमें सामान्य स्नातक, स्नातकोत्तर, इंजीनियरिंग और रोजगारपरक कोर्स शामिल हैं। पुरुष छात्रों के लिए 4 फीसदी और छात्राओं, ट्रांसजेंडर व दिव्यांग छात्रों के लिए 1 फीसदी ब्याज दर लागू है। इधर 2025-26 शैक्षणिक सत्र में 95,220 छात्रों को ऋण देने का लक्ष्य है, जिसमें पटना में 7,840 और शिवहर में 415 छात्र शामिल हैं।
पिछले साल 90,335 आवेदनों में से केवल 75,000 को ऋण मिला। जो लक्ष्य से 12 फीसदी कम ही था। लेकिन कई छात्रों द्वारा ऋण लेने के बाद किश्तों का भुगतान न करना और गायब हो जाना योजना की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।