पटना: बिहार की राजधानी पटना के पारस अस्पताल में कुख्यात चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस ने अब तक 10 लोगों को धर दबोचा है। जिसमें 2 महिला आरोपी भी शामिल हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एसएसपी कार्तिकेय एस शर्मा को मुख्यमंत्री आवास तलब किया और उनसे चंदन मिश्रा हत्याकांड में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के बीच 10 मिनट तक मुलाकात हुई। हालांकि इसकी फिलहाल आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एसएसपी ने मुख्यमंत्री के सामने चंदन मिश्रा हत्याकांड से जुड़ी सभी अपडेट को रखा।
बताया जाता है कि पुलिस और एसटीएफ की टीम ने इस हत्याकांड के मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार तौसीफ के साथ उसके मौसेरे भाई नीशू खान समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। तौसीफ को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।
गिरफ्तारी कोलकाता के आनंद बाजार इलाके के एक गेस्ट हाउस से हुई है। पुलिस ने यहां से सचिन सिंह, हरीश कुमार, तौसीफ बादशाह, यूनुस खान और एक महिला को हिरासत में लिया है। पुलिस ने सफेद रंग की एक कार भी जब्त की है। जिसका इस्तेमाल आरोपियों द्वारा भागने के लिए किया गया था। गेस्ट हाउस में मिले लोगों में से एक संदिग्ध के पैर में चोटें आईं और उसे एम्बुलेंस में ले जाया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार तौसीफ से पूछताछ में सामने आया है कि साजिश निशु खान के घर रची गई थी। सभी आरोपियों को पटना लाया जा रहा है। निशु खान पटना के समनपुरा इलाके का रहने वाला है। समनपुरा इलाका पारस हॉस्पिटल से बिल्कुल सटा हुआ क्षेत्र है। चंदन मिश्रा की हत्या को अंजाम देने आए शूटर्स समनपुरा की गली से होते हुए ही शूटर पारस हॉस्पिटल पहुंचे थे। चंदन मिश्रा की हत्या करने के बाद शूटर समनपुरा के रास्ते ही निकल भागे थे।
पटना पुलिस की छानबीन में पता चला है कि निशु खान ने ही चंदन मिश्रा की सुपारी लिए जाने में अहम भूमिका निभाई थी। उसने ही जेल में बंद कुख्यात शेरू से डील की थी। उसके बाद तौसीफ उर्फ बादशाह समेत दूसरे शूटर्स को मर्डर की सुपारी सौंपी गई थी। निशु खान ने शूटर्स के लिए प्लानिंग करने के साथ साथ ही उन्हें दूसरी तमाम मदद पहुंचाई थी। बता दें कि चंदन मिश्रा हत्या कांड का मुख्य शूटर तौसीफ ने अपने नाम के आगे बादशाह लगाया था। उसी तरह निशु खान अपने नाम नाम के आगे भाईजान लगता था।
तौसीफ उर्फ बादशाह बिहार का नंबर वन डॉन बनना चाहता था। जबकि निशु खान उर्फ भाईजान विधायक बनना चाहता था। वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद को भावी विधायक बताते हुए रील पोस्ट करता था। निशु खान ने राजनीति संपर्क भी बनाए थे, ताकि विधायक बनने का उसका सपना पूरा हो सके। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ करने में लगी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निशु खान से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
पुलिस को इस हत्याकांड की प्लानिंग से लेकर उसे अंजाम देने की पूरी कहानी की जानकारी मिल गई है। सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार नीशू बादशाह का मौसेरा भाई है। नीशू ने उनके रहने के लिए समनपुरा में फ्लैट उपलब्ध कराया था। घटना के दो दिन पहले हर्ष सभी को पारस अस्पताल स्थित चंदन मिश्रा के कमरा नंबर 209 को दिखाने के लिए ले गया था। नीशू लकवाग्रस्त है। उसे काफी पहले गोली लगी थी।
सूत्रों का कहना है कि बादशाह के परिजनों को जब पुलिस ने उठाया तो उन लोगों ने ही बंगाल में होने की जानकारी दी। इसके बाद एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल पुलिस का सहयोग लिया। जांच में सामने आया है कि बादशाह के साथ बलवंत, मोनू, अभिषेक व नीलेश ने चंदन को गोली मारी थी। नीशू हर्ष, सचिन, भीम, अल्पना ने इन सभी को पश्चिम बंगाल भगाने, वहां छिपा कर रखने आदि में सहयोग किया था।