Ankita Bhandari Murder Case: उत्तराखंड के कोटद्वार की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को अंकिता भंडारी हत्याकांड में रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत ने तीनों को आईपीसी की धारा 302, 210बी, 201 के तहत दोषी ठहराया।
गौरतलब है कि 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की 2022 में निर्मम हत्या की गई थी। साल 2022 के बाद आज जाकर अंकिता और उसके परिवार को इंसाफ मिला है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों पर विभिन्न धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया। अंकिता भंडारी के परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की।
यह मामला अंकिता से जुड़ा है, जिसका शव 24 सितंबर, 2022 को ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था।अधिकारियों द्वारा उसका शव बरामद किए जाने से कम से कम छह दिन पहले वह लापता बताई गई थी।
अंकिता भंडारी भारतीय जनता पार्टी के निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य द्वारा संचालित रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करती थी।
पुलकित आर्य को कथित तौर पर एक विवाद के बाद उसे नहर में धकेलने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में दो और लोगों - अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर को भी गिरफ़्तार किया गया था।
4 दिसंबर को उत्तराखंड पुलिस ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच लगभग पूरी हो चुकी है, अब सिर्फ़ आरोपियों का नार्को टेस्ट होना बाकी है। इससे पहले तीनों आरोपियों ने नार्को और पॉलीग्राफ़ टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था, उनका कहना था कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने यह नहीं बताया कि वह चार्जशीट दाखिल करने के बाद नार्को और पॉलीग्राफ़ टेस्ट क्यों कराना चाहता है।
इस मामले में तब व्यापक आक्रोश फैल गया जब ऐसी खबरें सामने आईं कि अंकिता पर रिसॉर्ट के मेहमानों को "विशेष सेवाएं" प्रदान करने का दबाव बनाया जा रहा था। करीब दो साल तक चली सुनवाई के दौरान सूचीबद्ध 97 गवाहों में से अदालत ने 47 से पूछताछ की।