उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की ढाई साल की बच्ची के हत्या के मामले ने देशभर को आक्रोशित किया है। इसी के साथ अलीगढ़ की बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि कोई भी वकील बच्ची के आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा और न हीं बाहर के किसी वकील को केस लड़ने दिया जाएगा।
अलीगढ़ बार एसोसिएशन के महासचिव अनूप कौशिक ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''टप्पल में जिस ढाई साल की बच्ची की हत्या की गई, हम उसके परिवार के साथ खड़ हैं और आरोपियों के लिए कोई भी वकील कोर्ट में पेश नहीं होगा। बाहर से आए किसी वकील को भी आरोपियों का केस नहीं लड़ने दिया जाएगा। हम बच्ची के लिए लड़ेंगे।''
शनिवार को अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ''आरोपी जाहिद की पत्नी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बच्ची का शव जिस कपड़े में लिपटा हुआ था वह जाहिद की पत्नी का साड़ी का था। हम पीड़ित परिवार से मिले हैं। उन्होंने मांग की है कि आरोपियों को फांसी की सजा मिले। मामले में चार्जशीट भरी जाने को है।''
पुलिस के मुताबिक बीती 30 मई को बच्ची को उसके घर के पास से आरोपियों ने अगवा कर लिया था। उसकी हत्या के तीसरे दिन आरोपी जाहिद के घर के पास कूड़े के ढेर से बच्ची लाश बरामद हुई थी। एक सफाईकर्मी ने देखा कि बच्ची की लाश को कुछ कुत्ते नोंच रहे थे। इत्तला देने पर पुलिस मौके पहुंची। इस मामले में लापरवाही बरतने पर कुछ पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई हुई है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी जाहिद ने बच्ची की दादा से कुछ पैसे उधार लिए थे। पैसे मांगने पर उसने देख लेने की धमकी दी थी।
पुलिस ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया कि आरोपियों में से एक ऐसा भी है जिसके खिलाफ पांच साल पहले उसकी ही बेटी से रेप का मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने अपनी ही सात वर्षीय बेटी का रेप किया था। वह जमानत पर बाहर चल रहा था।