अलीगढ़, 28 सितंबर: अलीगढ़ में कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर हुए विवाद ने शुक्रवार को नया मोड़ ले लिया। पिछले हफ्ते हुई इस मुठभेड़ में दो संदिग्ध अपराधी- नौशाद और मुस्तकीम मारे गए थे। पुलिस ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है।
इनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र नेता भी शामिल हैं। इनपर आरोप है कि उन्होंने मुस्तकीम की मां और दादी का अपहरण किया था।
थाना प्रभारी परवेश राणा ने बताया कि मामला गुरुवार को अतरौली थाने में दर्ज किया गया। तहरीर बजरंग दल के सचिव राम कुमार आर्य और मुस्तकीम की पत्नी हिना की ओर से दी गयी थी ।
कार्यकर्ताओं के समूह में जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद भी शामिल हैं लेकिन शिकायत में उनको नामजद नहीं किया गया है। राणा ने बताया कि शिकायत में “यूनाइटेड अगेन्स्ट हेट” फोरम के कार्यकर्ताओं के नाम हैं जिसमें एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मसकूर उस्मानी और फैजुल हसन भी शामिल हैं।
मानवाधिकार कार्यकर्ता गुरुवार को मुस्तकीम के घर गये थे। उन्होंने घर वालों को हरसंभव कानूनी मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। बाद में इन कार्यकर्ताओं ने अतरौली थाना जाकर पुलिस द्वारा मुस्तकीम के परिवार के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था। मुस्तकीम और दूसरा कथित अपराधी नौशाद 20 सितंबर को पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। क्या था मामला
मालूम हो कि अलीगढ़ के हरदुआगंज थानाक्षेत्र के मछुआ गांव के पास पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मुस्तकीम तथा नौशाद नामक इनामी बदमाश मारे गये थे। इनपर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। मुठभेड़ का एक कथित वीडियो भी कुछ समाचार चैनलों पर प्रसारित किया गया था। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने किसी भी मीडियाकर्मी को बुलाने की बात से इनकार किया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि हरदुआगंज थाना क्षेत्र के मछुआ गांव के पास पुलिस ने मुस्तकीम तथा नौशाद नामक इनामी बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस पर गोलियां चलाईं। जवाबी कार्रवाई में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
साहनी ने बताया कि नौशाद और मुस्तकीम पर 25-25 हजार रुपये का इनाम था। इस मुठभेड़ में एक इंस्पेक्टर भी घायल हुआ है जिसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का दावा है कि दोनों अपराधियों ने मरने से पहले अपने बयान में इस महीने के शुरू में हुई दो साधुओं की हत्या के मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की।