समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने पुलिस पर झांसी में 28 वर्षीय युवक पुष्पेंद्र यादव की हत्या का आरोप लगाया है। अखिलेश ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। पिछले हफ्ते झांसी के पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त किये जाने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी। इसके बाद उसने थानेदार पर गोली चला दी और एनकाउंटर में उसकी मौत हो गई।
अखिलेश यादव ने झांसी में परिजनों से मुलाकात के बाद कहा, 'पुलिस की कहानी पर भरोसा नहीं होता। यह एनकाउंटर नहीं बल्कि मर्डर है। उत्तर प्रदेश में कोई सुरक्षित नहीं हैं जहां मुख्यमंत्री खुले तौर पर पुलिस की बर्बरता को बढ़ावा देते हैं।'
समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा ''पुष्पेंद्र यादव का ज़बरन अंतिम संस्कार कर भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि हत्या के आरोपियों को बचाने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। समाजवादी पार्टी की माँग है कि आरोपी एसएचओ पर भादसं की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाए। साथ ही इस मामले की सीडीआर निकलवा कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जाँच कराई जाये।''
झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेंद्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेंद्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलायी थी।
झांसी के पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने बताया कि पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त किये जाने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी। पुलिस के अनुसार, पुष्पेंद्र समेत तीन मोटरसाइकिल सवारों ने शनिवार रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका। पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया। बाद में सुबह करीब तीन बजे गोरठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया।
रविवार को पुष्पेंद्र यादव, विपिन और रविंद्र के खिलाफ मोठ और गुरसराय पुलिस थाने में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज की गयी। समाजवादी पार्टी ने इस मुठभेड़ को फर्जी बताते हुये आरोप लगाया कि पुष्पेंद्र को पुलिस ने उस समय मार डाला जब वह अपने ट्रक छुड़ाने थानाध्यक्ष के पास आया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा से इनपुट्स लेकर