पटनाः बिहार में मरे हुए लोग भी मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं। इसका एक नमूना पश्चिमी चंपारण जिला के ठकराहां प्रखण्ड से आया है। यहां जगीरहा पंचायत अंतर्गत भतहवा गांव निवासी स्वर्गीय जलेबी देवी के पति हरिहर यादव बताते हैं कि इनकी पत्नी की मृत्यु 12 दिसम्बर 2019 को ही हो गई। बावजूद मनरेगा अंतर्गत उनको सरकारी आंकड़ों में फरवरी और मार्च तक 15-15 दिनों तक मजदूरी करते दिखाया गया है। इस मामले में जो बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई है, उसके मुताबिक मरे हुए लोगों के नाम पर मजदूरी का भुगतना किया गया है। ये वो मृत मजदूर के नाम पर जिसका जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया था।
यह गड़बड़ी खुद मनरेगा लोकपाल ने जांच में पकड़ी है। बता दें कि राज्य में रोज करीब 70 हजार योजनाएं चलती हैं। एक योजना में औसतन 7 मजदूरों की हाजिरी बनती है। यानी कुल 4.9 लाख की। बताया जाता है कि इसमें करीब 50 फीसदी हाजिरी फर्जी है। ऐसे में रोज करीब 6 करोड़(2.45 लाख×245 रुपए) का घोटाला हो रहा है।
महीनेभर में यह घोटाला करीब 180 करोड़ रुपये तक का है। कोईलवर के बीरमपुर और गीधा में समान फोटो से हाजिरी बनी है। पंचायत रोजगार सेवक ने स्वीकारा कि अटेंडेंस फर्जी बन रही है। सबके बीच कमीशन बंटता है। सभी जगह हो रहा है। बताया कि उसे 2-5 फीसदी तक कमीशन मिलता है। जिनकी हाजिरी वे फर्जी हैं।
बीडीसी या मुखिया 500 रुपए प्रतिमाह किराए पर खाता ले पैसे निकालते हैं। रोजगार सेवक शशिकला ने बताया घोड़पोखर की योजना का जिओ टैग उसने किया। योजना शुरू नहीं हुई। माना कि 6 दिन से हाजिरी बन रही है। नरेगा मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) में भी बड़ा खेल सामने आया है।
काम शुरू नहीं, अटेंडेंस बन रहा है। योजना का बोर्ड लगाकर फर्जी लोगों को खड़ा कर दिया जाता है। मजदूरी राशि डकारने के लिए भाड़े पर बैंक खाते लिए जा रहे हैं। 60 फीसदी महिलाओं की उपस्थिति भी नदारद है। इसी क्रम में मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड के रक्सा पंचायत में मनरेगा में हुए 1.23 करोड़ के घोटाला की राशि निकालने के लिए आरोपितों ने डाकघरों में 270 फर्जी खाता खोला था।
निगरानी द्वारा कोर्ट में दाखिल चार्जशीट से इसका खुलासा हुआ है। यहीं नहीं, दो ऐसे खाते भी मिले, जिससे खाता धारी की मौत होने के बाद भी निकासी की गई है। वहीं भागलपुर में भी मनरेगा से हुए 20 करोड़ के कामों की जांच शुरू कर दी गई है। जिससे कर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है।
निगरानी के द्वारा कोर्ट में जो चार्जशीट दायर किया गया है उसके अनुसार, जांच में यह भी पता चला कि 16 ऐसे लोगों के नाम पर खाता खोला गया था, जो दूसरे राज्य में लंबी अवधि से रह रहे थे। एक व्यक्ति के नाम पर तो दो तो एक के नाम पर तीन खाता खोला गया था। चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि 20 व्यक्ति ने कभी रक्सा डाकघर में खाता नहीं खोला।
नहीं कभी निकासी की। इसके साथ ही 149 ऐसे खाताधारक थे, जिनका खाता खुला, लेकिन उन्होंने कभी डाकघर से राशि प्राप्त नहीं की। निगरानी के आइओ ने जांच में यह भी पाया कि मुखिया, रक्सा व हरचंदा के पंचायत रोजगार सेवक की मिलीभगत से मृत खाता धारियों के नाम पर फर्जी खाता खोलकर सरकारी राशि का गबन किया गया। ऐसे मामले पूरे बिहार से सामने आए हैं।
मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर प्रखंड में ऐसे कई मामलों के सामने आने के बाद जांच कराई गई। इसमें गलत तरीके से योजना चयन करते हुए राशि निकाले जाने का मामला सामने आया। इसका खुलासा तब हुआ जब इसकी शिकायत निगरानी विभाग से लेकर ग्रामीण विकास विभाग तक पहुंची। वहीं, मनरेगा के तहत बिहार के मुजफ्फरपुर में खेल मैदानों को विकसित करने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा था।
धरातल पर इन खेल मैदानों का कहीं अता-पता नहीं है। बावजूद इसके इन मैदानों में मिट्टी भराई के नाम पर लाखों रुपये की न केवल योजना स्वीकृत की गई, बल्कि काम पूरा दिखाकर योजना की पूरी राशि भी निकाल ली गई। इसमें डीआरडीए के प्रसार पदाधिकारी तरुण कुमार और कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण विभाग, कार्य प्रमंडल, मुजफ्फरपुर पश्चिमी को तकनीकी सदस्य बनाया गया था।
रिपोर्ट में कब्रिस्तान, केले के बागान और सड़क किनारे की जमीन को खेल मैदान बता दिया गया और फर्जी तरीके से योजना का चयन किए जाने की बात सामने आई थी। साथ ही, मिट्टी भराई करते हुए पूरी राशि गलत तरीके से निकाले जाने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है। इस मामले में कार्रवाई की तैयारी चल रही है जिसमें कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
इन सभी मामलों के सामने आने के बाद राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने भी स्वीकार किया कि ऐसी शिकायतें मिली हैं सरकार इसकी जांच कराएगी। अटेंडेंस ऐप में जिनकी फोटो है वे मजदूर नहीं हैं, जिनके खातों में राशि जा रही वे भी मजदूर नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। यह सरकार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करती है। भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को किसी भी हाल में छोडा नही जाएगा। कई मामलों की जांच निगरानी कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।