2012 दिल्ली गैंगरेप केस के तीन दोषियों (अक्षय, पवन और विनय) ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपील की है। दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने की मांग है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि विदेशों में रह रहे लोगों ने अर्जी दी है।
तीनों दोषियों ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को पत्र लिखकर फांसी टालने की अपील की है। एपी सिंह ने बताया कि इस केस में दुनियाभर के लोग इंट्रेस्ट ले रहे हैं। विदेशों में बसे लोगों को भारतीय न्याय-व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि चारों दोषियों और उनके परिजनों को भारतीय न्याय-व्यवस्था और राष्ट्रपति पर भरोसा है। परिवार के लोग चाहते हैं कि राष्ट्रपति चारों दोषियों को इच्छामृत्यु की इजाजत दें।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि सभी कानूनी उपायों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है। उच्चतम न्यायालय ने दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपने सभी कानूनी उपायों को यह कहते हुए बहाल करने का अनुरोध किया था कि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था।
निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले में दोषियों को फांसी की सजा मिलने से पांच दिन पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने जल्लाद को फांसी वाले दिन से तीन दिन पहले उपस्थित होने को कहा है। इस मामले में दोषी पाए गए चार व्यक्तियों- मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को 20 मार्च को सुबह पांच बजकर तीस मिनट पर एक साथ फांसी दी जाएगी।
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ताजा डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश के जेल अधिकारियों को पत्र लिखकर जल्लाद पवन की सेवा का अनुरोध किया था। महानिदेशक (जेल) संदीप गोयल ने कहा, “मेरठ के जल्लाद पवन को फांसी से तीन दिन पहले 17 मार्च को तिहाड़ जेल में उपस्थित होने को कहा गया है।” जेल अधिकारियों के अनुसार जल्लाद के आने के बाद डमी को फांसी देकर अभ्यास किया जाएगा।