नई दिल्ली, 30 अप्रैल: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और अपनी कोचिंग में इसी साल भारत की अंडर-19 टीम को वर्ल्ड कप जीता चुके राहुल द्रविड़ का नाम द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए भेजे जाने पर बीसीसीआई में विवाद पैदा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों ने द्रविड़ के नाम पर ऐतराज जताया है।
इन अधिकारियों का मानना है कि द्रविड़ के पास कोचिंग के स्तर पर अभी कम अनुभव है। कई अधिकारी मानते हैं कि द्रविड़ का नाम भेजा जाना उन कोचों के साथ अन्याय होगा जो वर्षों से उभरते हुए क्रिकेटरों की सहायता कर रहे हैं और उन्हें अंडर-19 से लेकर सीनियर टीम तक जगह बनाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। वेबसाइट 'क्रिकेटनेक्स्ट' के अनुसार द्रविड़ के नाम का विरोध कर रहे अधिकारियों ने कहा है कि विराट कोहली, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह, रिषभ पंत, कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे खिलाड़ियों को निखारने वाले कई कोचों के साथ क्रूर फैसला होगा।
एक बीसीसीआई अधिकारी के अनुसार द्रविड़ को अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के साथ केवल तीन साल का कोचिंग अनुभव है। तमाम अंजान चेहरों के आगे उनके नाम को बढ़ाने से एक गलत उदाहरण पेश करेगी। (और पढ़ें- IPL 2018: RCB के रिटेन नहीं करने पर पहली बार बोले क्रिस गेल, दिया ये जवाब)
वेबसाइट क्रिकेटनेक्स्ट के अनुसार एक बीसीसीआई अधिकारी ने बताया, 'तारक सिन्हा या एएन शर्मा या फिर इनके ही जैसे कई ऐसे लोग हैं जो जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। ये निश्चित रूप से इस स्तर पर द्रविड़ से महान हैं। हो सकता है आगे जाकर द्रविड़ इन सभी को पीछे छोड़ दे लेकिन फिलहाल तो मुझे यही लगता है कि उन्होंने बहुत कुछ नहीं किया है। मेरी बात और साफ हो जाएगी जब द्रोणाचार्य अवॉर्ड के मापदंड को देखेंगे। मुझे लगता है कि सीओए ने द्रविड़ का नाम बढ़ाकर सही नहीं किया है।'
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को विनोद राय की अध्यक्षता वाले सीओए ने द्रविड़ का नाम द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए नामांकित किया था। उनका नाम इसी साल अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत की जीत को देखते हुए प्रस्तावित किया गया था। द्रविड़ के मार्गदर्शन में ही 2016 के अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में भी टीम इंडिया पहुंचने में कामयाब रही थी। (और पढ़ें- एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के लिये बीसीसीआई को मनाने में जुटा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया)