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Varanasi-Pandit Deen Dayal Upadhyay: 2642 करोड़ रुपये की लागत?, गंगा नदी पर 6-लेन राजमार्ग, चार-लाइन रेलवे डेक, ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ परियोजना, जानें मुख्य बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 16, 2024 18:09 IST

Varanasi-Pandit Deen Dayal Upadhyay 2024: उत्तर प्रदेश के दो जिलों से जुड़ी इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी।

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ठळक मुद्देपरियोजना उत्तर प्रदेश में वाराणसी और चंदौली जिलों से होकर गुजरती है।भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी। ‘मल्टी-मॉडल संपर्क व्यवस्था के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है।

Varanasi-Pandit Deen Dayal Upadhyay 2024: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को वाराणसी-पंडित दीन दयाल उपाध्याय ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ परियोजना को मंजूरी दे दी। इस पर 2,642 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। प्रस्तावित परियोजना में गंगा नदी पर एक नया रेल-सह-सड़क पुल और अन्य बुनियादी ढांचा सुविधाओं को आधुनिक बनाने के अलावा वाराणसी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) जंक्शन मार्ग के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन को शामिल करना शामिल है। आधिकारिक बयान में कहा गया है, “प्रस्तावित ‘मल्टी-ट्रैकिंग’ परियोजना परिचालन को आसान बनाएगी और भीड़भाड़ को कम करेगी। इससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर जरूरी ढांचागत सुविधाओं का विकास होगा। यह परियोजना उत्तर प्रदेश में वाराणसी और चंदौली जिलों से होकर गुजरती है।’’

इसमें कहा गया है ‘‘वाराणसी रेलवे स्टेशन, भारतीय रेलवे का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है और तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और स्थानीय आबादी के लिए प्रवेश द्वार के रूप में काम करता है।’’ बयान के अनुसार, यात्री और माल ढुलाई दोनों के लिए महत्वपूर्ण वाराणसी-डीडीयू जंक्शन मार्ग, कोयला, सीमेंट और खाद्यान्न जैसे सामान के परिवहन के साथ-साथ बढ़ती पर्यटन और औद्योगिक मांग को पूरा करने में अपनी भूमिका के कारण भारी भीड़ का सामना करता है। इसमें कहा गया है, ‘‘इस मुद्दे का हल करने के लिए, बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

इसमें गंगा नदी पर एक नया रेल-सह-सड़क पुल और तीसरी और चौथी रेलवे लाइन बनाने का काम शामिल हैं। इस कदम का उद्देश्य क्षमता, दक्षता में सुधार करना और क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाना है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इस खंड में भीड़भाड़ से राहत के अलावा, प्रस्तावित खंड पर 2.78 करोड़ टन प्रतिवर्ष माल ढुलाई का अनुमान है।’’

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह परियोजना ‘मल्टी-मॉडल संपर्क व्यवस्था के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है। यह लोगों और वस्तुओं तथा सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध संपर्क सुविधा प्रदान करेगा। सरकार के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के दो जिलों से जुड़ी इस परियोजना से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 30 किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी।

बयान में कहा गया है ‘‘पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन होने के कारण रेलवे, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टक लागत को कम करने तथा कार्बन उत्सर्जन 149 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा, जो छह करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

टॅग्स :वाराणसीनरेंद्र मोदीNirmal Sitharamanउत्तर प्रदेश
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