UPI Server Down: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) सर्वर एक घंटे से अधिक समय से बंद है। इस कारण पूरे देश में भुगतान में बाधा आ रही है। फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे प्रमुख यूपीआई ऐप के माध्यम से लेनदेन संसाधित नहीं होने की शिकायत करने के लिए उपयोगकर्ताओं ने ट्विटर का सहारा लिया।
साल में यह दूसरी बार है, जब यूपीआई सर्वर डाउन हुआ है। 9 जनवरी 2022 को बाधित हुआ था। एनपीसीआई ने अभी तक औपचारिक ट्वीट या व्यवधान पर बयान जारी नहीं किया है। UPI, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा एक वास्तविक समय भुगतान प्रणाली है।
भारत के खुदरा लेनदेन का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा बनाती है। भुगतान प्रणाली बड़ी मात्रा में लेनदेन को संभालती है, जिनमें से अधिकांश कम मूल्य वाले लेनदेन हैं। 100 रुपये से कम के लेन-देन में UPI वॉल्यूम का 75 प्रतिशत हिस्सा होता है।
अकेले मार्च महीने में, UPI ने 540 करोड़ लेन-देन देखा गया था, जो 9.60 लाख करोड़ रुपये था। इस बीच, एनपीसीआई बैंक और इन-हाउस सर्वर पर लोड को कम करने के लिए ऑफलाइन मोड में भुगतान को सक्षम करने पर काम कर रहा है।
पीडब्ल्यूसी की ‘द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक 2021-26’ शीर्षक से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय डिजिटल भुगतान बाजार में संख्या के हिसाब से 23 फीसदी की मजबूत वृद्धि देखी गई है और इसके वित्त वर्ष 2025-26 तक 217 अरब लेनदेन तक पहुंचने की संभावना है।
मूल्य के हिसाब से यह आंकड़ा अगले पांच वर्षों में 5,900 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2020-21 में यूपीआई के जरिये 22 अरब डिजिटल लेनदेन हुए थे और वर्ष 2025-26 तक इसके 169 अरब लेनदेन हो जाने की संभावना है। इस तरह सालाना आधार पर 122 प्रतिशत की तेज वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई के जरिये कम मूल्य वाले लेनदेन और सीमापार पैसे भेजने के लिए एशिया के अन्य देशों के साथ साझेदारी होने से भी इस वृद्धि को मजबूती मिल रही है। वहीं बीएनपीएल के जरिये फिलहाल 36,300 करोड़ रुपये मूल्य के करीब 363 अरब लेनदेन हुए हैं जिसके अगले पांच साल में 3,19,100 करोड़ रुपये मूल्य के 3,191 अरब लेनदेन हो जाने की उम्मीद है।