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Stock Market Today: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार में बुरा हाल!, 4 दिन में  7,59,041.63 करोड़ रुपये डूबे, शेयर मार्केट में 826 अंक टूटा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2023 18:33 IST

Stock Market Today: कारोबार के दौरान एक समय यह 894.94 अंक यानी 1.36 प्रतिशत तक गिरकर 64,502.68 अंक पर आ गया था। यह शेयर बाजारों में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा।

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ठळक मुद्देचार सत्रों में सेंसेक्स 1,856.21 अंक या 2.79 प्रतिशत गिर चुका है। बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) चार दिन में 12,51,700.73 करोड़ रुपये घटकर 3,11,30,724.40 करोड़ रुपये रह गया है।बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में 7,59,041.63 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।

Stock Market Today: पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में पैदा हुए कमजोर रुझानों के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को व्यापक गिरावट रही और निवेशकों के 7.59 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 825.74 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 64,571.88 अंक पर बंद हुआ।

कारोबार के दौरान एक समय यह 894.94 अंक यानी 1.36 प्रतिशत तक गिरकर 64,502.68 अंक पर आ गया था। यह शेयर बाजारों में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा। इन चार सत्रों में सेंसेक्स 1,856.21 अंक या 2.79 प्रतिशत गिर चुका है। कमजोर रुझानों के बीच बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) चार दिन में 12,51,700.73 करोड़ रुपये घटकर 3,11,30,724.40 करोड़ रुपये रह गया है। सिर्फ सोमवार को बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में 7,59,041.63 करोड़ रुपये की गिरावट आई है।

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, “आखिरी घंटे के कारोबार में बेंचमार्क सूचकांकों में भारी गिरावट देखी गई क्योंकि पश्चिम एशिया क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण बिकवाली लहर शुरू हो गई।’’

उन्होंने कहा, “निवेशक पहले से ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति को लेकर चिंतित हैं और इजराइल-हमास संघर्ष से अनिश्चितता और बढ़ गई है। वैश्विक इक्विटी में कमजोर धारणा बन गई है।” वैश्विक बाजारों में पैदा हुए कमजोर रुझानों के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को व्यापक गिरावट रही और मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी करीब 1.3 प्रतिशत तक लुढ़क गए।

विश्लेषकों के मुताबिक, कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 825.74 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 64,571.88 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 894.94 अंक यानी 1.36 प्रतिशत तक गिरकर 64,502.68 अंक पर आ गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 260.90 अंक यानी 1.34 प्रतिशत फिसलकर 19,281.75 अंक पर बंद हुआ। यह शेयर बाजारों में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा। इन चार सत्रों में सेंसेक्स 1,925 अंक गिरकर 65,000 अंक से नीचे आ चुका है जबकि निफ्टी लगभग 530 अंक टूट चुका है।

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया में तनाव गहराने से बिकवाली का दबाव बना और निवेशकों ने अपने शेयर बेचने शुरू कर दिए। इसकी वजह से पिछले चार सत्रों में मानक सूचकांकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।’’ चौहान ने कहा कि निवेशक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका और मुद्रास्फीति को लेकर पहले से ही चिंतित हैं।

ऐसी स्थिति में इजराइल-हमास संघर्ष ने अनिश्चितता बढ़ाने और निवेशक धारणा को कमजोर करने का काम किया है। सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट में प्रमुख रूप से गिरावट रही।

दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 4.18 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। मिडकैप को भी 2.51 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया का संकट गहराने और अमेरिका में ब्याज दर बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहने की आशंका ने बाजार पर बहुत असर डाला है। कंपनियों के तिमाही नतीजे भी मिलेजुले रहने से बाजार को कहीं से भी समर्थन नहीं मिल पा रहा।’’

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट दर्ज की गई थी। इस बीच, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव से अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत चढ़कर 92.18 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निजी बैंकों के अच्छे तिमाही नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद निवेशकों की धारणी कमजोर रही और घरेलू बाजारों में व्यापक असर देखा गया।’’ शेयर बाजारों के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 456.21 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। दशहरा के अवसर पर मंगलवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे।

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